
उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री अब इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट यानी आईआईएम से प्रबंधन और सुशासन के गुर सीखेंगे. ऐसा पहली बार हो रहा है जब किसी राज्य के मंत्री प्रबंधन संस्थान से प्रबंधन की बारीकियां समझने की कोशिश करेंगे. इसकी जिम्मेदारी आईआईएम लखनऊ को दी गई है. नए मंत्रियों समेत कई पुराने मंत्री सत्र में शामिल होंगे.
इस प्रशिक्षण का पहला सत्र 8 सितंबर को होगा. योगी सरकार के ढाई साल पूरे हो चुके हैं और हाल में ही मंत्रिमंडल विस्तार किया गया है, जिसमें से ज्यादातर चेहरे न सिर्फ युवा हैं, बल्कि वह प्रबंधन के लिहाज से एकदम नए हैं. आने वाले दिनों में योगी सरकार को उपचुनावों और विधानसभा के चुनाव के लिए तैयारियां करनी है. प्रबंधन की तमाम बारीकियों को समझने और लोगों की अपेक्षाओं को समझने के लिहाज से चुनौती भरा समय रहेगा. इसीलिए नए मंत्रियों को प्रबंधन के गुर सिखाने के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है.
सीखेंगे कामकाज के गुर
जानकारी के अनुसार, आईआईएम के साथ मंत्रियों का कैप्सूल कोर्स 3 सत्र में चलेगा. पहला सत्र 8 सितंबर को आईआईएम लखनऊ के कैंपस में होगा. पूरे दिन चलने वाले इस सत्र में सुशासन के बारे में मंत्रियों को बताया जाएगा. इसमें सरकारी योजनाओं की बारीकियां, उनके त्वरित वित्तीय प्रबंधन फाइलों का शीघ्र निस्तारण और बजट के बेहतर इस्तेमाल पर चर्चा की जाएगी,
दूसरा सत्र 15 सितंबर को और 20 सितंबर को होगा. इस प्रशिक्षण के लिए मंत्रियों के अलग-अलग समूह बनाया जाएंगे और उनको प्रशिक्षण के लिए एक टास्क दिया जाएगा. उसी के अनुसार आईआईएम की टीम ट्रेनिंग करेगी और उनको प्रशिक्षित किया जाएगा. इस प्रशिक्षण के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इन मंत्रियों से मिलेंगे, जिससे वह समझ सकें कि इस प्रशिक्षण का कितना फायदा हुआ है और इसका कितना उपयोग सरकार कर सकती है.