
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने फिरोजबाद के टूंडला तहसील मुख्यालय के 12 किमी दूर कोट कसौंदी में सीयर माता देवी के मंदिर में जाकर दर्शन और पूजा अर्चना की. सीयर माता निषाद समाज की कुल देवी हैं. ऐसे में अखिलेश यादव के मंदिर जाने के सिसासी मायने निकाले जा रहे हैं और सूबे के निषाद समुदाय को सियासी संदेश देने के कवायद के तौर पर भी देखा जा रहा है.
सीयर देवी माता मंदिर पर नेजा चढ़ाने आए सपा प्रमुख अखिलेश यादव बीजेपी और सूबे की योगी सरकार पर जमकर बरसे. अखिलेश यादव ने कहा कि मैंने माता सीयर देवी के दर्शन कर उत्तर प्रदेश की खुशहाली मांगी है. पूजा अर्चना के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नेजा चढ़ाया और क्षेत्र के विकास का वादा करके लखनऊ के लिए रवाना हो गए. उनके साथ पूर्व सांसद अक्षय यादव, मैनपुरी के पूर्व सांसद तेज प्रताप तेजू, पूर्व मंत्री रामजी लाल सुमन, प्रदेश सचिव अवनींद्र यादव सहित पार्टी के तमाम नेता मौजूद थे.
निषाद समाज की कुलदेवी है माता सीयर देवी
टूंडला तहसील मुख्यालय से 12 किमी दूर कोट कसौंदी में सीयर माता देवी का मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराना है. सीयर माता निषाद समाज की कुल देवी हैं. मंदिर की स्थापना कोट कसौंदी रियासत के राजा गजराजा ने की थी. बुंदेलखंड के वीर योद्धा आल्हा ऊदल ने यहां मल विद्या सीखी थी. देश भर के निषाद समाज के लोग यहां दर्शन करने आते हैं और नेजा चढ़ाते है.
अखिलेश यादव का ये दौरा सूबे में हो रहे पंचायत चुनाव के लिहाज से भी जोड़कर देखा जा रहा है. फिरोजाबाद के जिस क्षेत्र में सपा मुखिया अखिलेश पहुंचे थे, वहां पर निषाद समाज का अच्छा वोट बैंक है. माना जा रहा है कि निषाद समाज को पार्टी से जोड़ने की कवायद के तौर पर अखिलेश यादव का यह दौरा देखा जा रहा है, हालांकि मां सीयर देवी के मंदिर की भी मान्यता आस पास के क्षेत्र में काफी है.
अखिलेश निषाद समुदाय को साधने में जुटे
बता दें कि साल 2017 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद से ही अखिलेश यादव यूपी के निषाद समुदाय को साधने की कवायद में जुटे हुए हैं. इसी कड़ी में अखिलेश ने साल 2018 में गोरखपुर लोकसभा सीट पर निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद को उपचुनाव लड़ाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ में बीजेपी मात दी थी. लेकिन साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने संजय निषाद को अपने साथ मिला लिया था. इसके बाद से अखिलेश यादव निषाद समुदाय को अपने साथ जोड़ने के लिए हरसंभव कोशिश में जुटे हुए हैं.
यूपी की सियासत में निषाद समुदाय
यूपी में तकरीबन 7 फीसदी आबादी मल्लाह, केवट और निषाद जातियों की है. यूपी की करीब दो दर्जन लोकसभा सीटें और लगभग 60 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां निषाद वोटरों की संख्या अच्छी खासी है. गोरखपुर, गाजीपुर, बलिया, संतकबीर नगर, मऊ, मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, इलाहाबाद ,फतेहपुर, सहारनपुर, फिरोजाबाद, बरेली, सहारनपुर, आवला और हमीरपुर जिले में निषाद वोटरों की संख्या अधिक है. यही वजह है कि निषाद समुदाय को साधने के लिए सपा से लेकर बीजेपी और कांग्रेस तक उन्हें अपने साथ जोड़ने की कोशिश की है.
कांग्रेस ने निषाद समुदाय का दिल जीतने के लिए अभी पिछले दिनों निषाद समुदाय के लिए प्रयागराज से लेकर बलिया तक नदी अधिकार यात्रा निकाली थी. इतना ही नहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी प्रयागराज में निषाद समुदाय को साधने के लिए खुद पहुंची थीं, जिसके बाद बीजेपी भी निषाद समुदाय को लेकर काफी संजीदा हो गई है. ऐसे में अब सपा प्रमुख ने निषाद समुदाय के कुल देवी मंदिर में आकर माथा टेका है. ऐसे में देखना है कि सूबे के निषाद समुदाय किस पार्टी पर भरोसा जताते हैं.