
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय एक बार फिर से विवाद में है. विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के छात्र अपने विभाग में गैर हिन्दू धर्म के शिक्षक की नियुक्ति का विरोध कर रहे हैं. छात्रों का आरोप है कि उनके संकाय में गैर हिन्दू अध्यापक की नियुक्ति कर दी गई है जो विश्वविद्यालय के संस्थापक महामना मदन मोहन मालवीय के द्वारा बनाए गए नियमों का उलंघन है. छात्र इस शिक्षक की नियुक्ति को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. अपनी मांगों को लेकर उन्होंने कुलपति आवास का घेराव किया.
कुलपति आवास का घेराव
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने विरोध का अनोखा तरीका अपनाया है. ये छात्र ढोल-मजीरा लेकर कुलपति के आवास के बाहर बैठ गए और कीर्तन करने लगे. छात्रों ने आरोप लगाया है कि संस्कृत पढ़ाने के लिए जिस शिक्षक की नियुक्ति की गई है वह नियमों के मुताबिक नहीं है. एक छात्र ने दावा किया कि शिक्षक की नियुक्ति पैसे लेकर की गई है. छात्र ने आजतक के साथ बातचीत में कहा कि विभाग के डीन और दूसरे प्रोफेसर का कहना है कि नये शिक्षक की नियुक्ति दबाव में की गई है. छात्र अब इस मुस्लिम शिक्षक की नियुक्ति रद्द करने की मांग कर रहे हैं.
शिलापट्ट का हवाला
संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के छात्र अपने तर्कों के समर्थन में एक शिलापट्ट का हवाला दे रहे हैं. संस्कृत विभाग के बाहर लगे शिलापट्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि उस पर साफ लिखा हुआ है कि किसी भी गैर हिन्दू धर्म के व्यक्ति का उस संस्थान में प्रवेश वर्जित है. एक छात्र ने कहा कि जब गैर हिन्दू का उस संस्थान में प्रवेश वर्जित है तो फिर ये नियुक्ति सही कैसे हो सकती है. वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन से जुड़े अफसरों का कहना है कि नियुक्ति नियमों के मुताबिक की गई है.
धरने पर बैठे छात्रों से बीतचीत की कोशिश
छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए प्रॉक्टोरियल बोर्ड टीम के साथ लंका थाना क्षेत्र की पुलिस टीम को मौके पर तैनात कर दिया गया है. वहीं इस पूरे मामले को लेकर प्रॉक्टोरियल की तरफ से लगातार छात्रों को मनाए जाने की कवायद की जा रही है. बोर्ड ने कुछ छात्रों को बातचीत के लिए बुलाया है. लेकिन छात्र गैर हिंदू धर्म के प्रोफेसर की नियुक्ति को निरस्त करने की मांग को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं.