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वाराणसी: गंगा में गिर रहा 5 करोड़ लीटर सीवेज वाटर, काला पड़ गया पानी

IIT-BHU के एक्सपर्ट डॉ केके पांडेय ने बताया कि समस्या को देख लिया गया है. घाट की मिट्टी दरक रही है. इंजीनियरिंग पैरामीटर से जो भी उपाए होंगे, उसे उपलब्ध कराया जाएगा.

Ganga In Varanasi Ganga In Varanasi
रोशन जायसवाल
  • वाराणसी ,
  • 24 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 11:01 PM IST
  • गंगा किनारे रहने वाले लोग कर रहे प्रदर्शन
  • 5-7 करोड़ लीटर सीवेज का पानी गंगा में गिर रहा
  • गंगा किनारे 10 मकान हुए क्षतिग्रस्त

Varanasi Ganga: वाराणसी में गंगा किनारे रहने वाले लोग और उनके घर अब सुरक्षित नहीं  हैं. गंगा में रोजाना 50-70 MLD यानी 5-7 करोड़ लीटर सीवेज का पानी भी गिरना शुरू हो गया है. जिससे गंगा का रंग काला पड़ गया है. ऐसा इसलिए हुआ है, क्योंकि दरकती गंगा की मिट्टी के चलते किनारे बसे लगभग 10 मकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं.

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इन मकानों में रहने वाले लोगों ने परिवार सहित अब नजदीक उस पंपिंग स्टेशन के पास धरना देना शुरू कर दिया है. आरोप है पंपिंग स्टेशन से एसटीपी तक बिछाई गई पाइपलाइन के काम में मानक और गुणवत्ता का ध्‍यान नहीं रखा गया. पंपिंग स्टेशन ही गंगा में गिरने वाले नाले को टैप करके सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तक ले जा रहा था. हंगामे और आगे होने वाले नुकसान से बचने के लिए पंपिंग स्टेशन बंद कर दिया गया है. जिसकी वजह से अब गंगा में रोजाना 50-70 MLD यानी 5-7 करोड़ लीटर सीवेज गिरना शुरू हो गया है.

जिलाधिकारी की ओर से शुरू कराई गई जांच के तहत IIT-BHU के एक्सपर्ट, कार्यदायी एजेंसीके अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्र की पड़ताल भी शुरू कर दी है. जांच के दौरान IIT-BHU के एक्सपर्ट डॉ केके पांडेय ने बताया कि समस्या को देख लिया गया है. घाट की मिट्टी दरक रही है. इंजीनियरिंग पैरामीटर से जो भी उपाए होंगे उसे उपलब्ध कराया जाएगा. जब उनसे वजह पूछी गई तो उन्होंने बताया कि पाइप और स्लोप स्टेबिलिटी भी हो सकती है. 

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वहीं पूरे काम के संचालन की जिम्मेदारी निभाने वाली ESSEL इंफ्रा कंपनी के प्रोजेक्ट हेड पल्लव ने बताया कि 31 मार्च से प्लांट चल रहा है. दिक्कत कुछ नहीं है. लोगों ने वाइब्रेशन की शिकायत की थी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है. घर टूटने होते तो प्लांट चलने की वजह से पहले ही टूट गए होते. जो भी घर टूटे है वे इंजीनियरिंग के ध्यान में रखकर नहीं बनाए गए थे. उन्होंने बताया कि उनका पंपिंग स्टेशन अस्सी नाले को टैप करके रमना एसटीपी में भेजता है.  

उन्होंने यह भी बताया कि मकानों में दरार पुराने थे. अभी पंपिंग स्टेशन कल रात से ही रुका है.  जिसके चलते 50-70 MLD गंगा में सीवर गंगा में गिर रहा है. पहले यही सीवेज का पानी रमना STP पर जाकर क्लीन होकर गंगा में गिरता था.विरोध प्रदर्शन के चलते पंपिंग स्टेशन बंद करना पड़ा है. 15 अक्टूबर के बाद से पंपिंग स्टेशन लगातार चल रहा है और अब बंद होने पर सीवर का पानी गंगा में गिर रहा है. 

नगवां इलाके में लोगों में दहशत 

वाराणसी के नगवां इलाके के गंगा किनारे बसी गंगोत्री विहार कॉलोनी के रहने वाले लोग दहशत में हैं. रामचरण तिवारी ने बताया कि 5-7 महीने पहले पाइपलाइन बदली गई है. इस दौरान आश्वासन दिया गया था कि मानक के अनुरूप सब कुछ होगा. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और अब पाइप में लीकेज शुरू हो गया है. उन्होंने कहा कि 30-35 मकान कभी भी गिर सकते हैं. 

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