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ज्ञानवापी मस्जिद केस: सर्वे का रास्ता साफ, 2 एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त... वाराणसी कोर्ट के फैसले की 10 बड़ी बातें

Varanasi Gyanvapi masjid survey Verdict: वाराणसी की कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे को लेकर नियुक्त किए गए एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को हटाए जाने से इनकार कर दिया. साथ ही कोर्ट ने 17 मई से पहले सर्वे कराकर रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है.

काशी की ज्ञानवापी मस्जिद का 17 मई से पहले कराया जाएगा सर्वे काशी की ज्ञानवापी मस्जिद का 17 मई से पहले कराया जाएगा सर्वे
aajtak.in
  • वाराणसी,
  • 12 मई 2022,
  • अपडेटेड 4:56 PM IST
  • ज्ञानवापी मस्जिद केस पर वाराणसी कोर्ट का बड़ा फैसला
  • 17 मई से पहले कराया जाएगा मस्जिद परिसर का सर्वे

वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया. कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के लिए नियुक्त किए गए एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को हटाए जाने से इनकार कर दिया.  हालांकि, अदालत ने कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा के अलावा विशाल कुमार सिंह को भी कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया है. इसके अलावा अजय सिंह को असिस्टेंट कमिश्नर बनाया गया है. कोर्ट ने 17 मई तक सर्वे की कार्रवाई पूरी करके रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है. आईए जानते हैं ज्ञानवापी मस्जिद पर कोर्ट के फैसले की 10 बड़ी बातें

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कोर्ट के फैसले की बड़ी बातें

1- वाराणसी कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को हटाए जाने से इनकार कर दिया. 

2- कोर्ट ने सर्वे के लिए एक और कमिश्नर विशाल कुमार सिंह को नियुक्त किया है. इसके अलावा अजय सिंह को असिस्टेंट कमिश्नर नियुक्त किया है.  

3- कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि पूरी ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे किया जाएगा, इसमें तहखाना भी शामिल हैं. इस दौरान वीडियो ग्राफी भी कराई जाएगी.

4- कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन को आदेश दिए हैं कि इस कार्रवाई को पूरा कराया जाए. जो भी लोग इसमें व्यवधान डालेंगे, उनपर कार्रवाई की जाए.

5- कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे 17 मई से पहले कराने का आदेश दिया है. कोर्ट ने 17 मई को सर्वे की अगली रिपोर्ट देने के लिए कहा है. 

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6- कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि कमीशन की कार्यवाही के दौरान कमिश्नर किसी भी बिंदु की फोटो और वीडियोग्राफी कराने के लिए स्वतंत्र होंगे. 

7- कोर्ट ने साफ किया है कि अगर कहीं अवरोध पैदा करने की कोशिश की जाती है, या कहीं ताला तोड़ा जाता है, तो जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि तालातोड़कर कमीशन कार्यवाही कराई जाए.

8 - कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह सर्वे की कार्रवाई का सुपरविजन करे, ताकि जिले का कोई भी अधिकारी कमीशन कार्यवाही को टालने के लिए बहाना न बने सके. 

9 - सर्वे की कार्रवाई सुबह 8 बजे से 12 बजे तक होगी. सर्वे हर दिन लगातार होगा, यह तब तक होता रहेगा, जब तक कमीशन की कार्रवाई पूरी नहीं होगी. 

10- किसी भी स्थिति में कमीशन की कार्रवाई नहीं रोकी जाएगी, चाहें किसी पक्षकार का सहयोग हो या नहीं. 

ये भी पढ़ें-  माता श्रृंगार गौरी और उनकी पूजा का क्या है महत्व, कैसे शुरू हुआ काशी में विवाद ? 

5 महिलाओं ने दायर की है याचिका

दरअसल, 5 महिलाओं ने याचिका दायर कर श्रृंगार गौरी की रोज पूजा का अधिकार मांगा था. कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के बाद ज्ञानवापी के सर्वे का आदेश दिया था. साथ ही एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया था. लेकिन सर्वे के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद में हंगामा हो गया था. इसके बाद सर्वे नहीं हो पाया था.

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इसके बाद अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी की तरफ से एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को हटाए जाने की मांग को लेकर याचिका दायर की गई थी. इस पर 3 दिन तक बहस चलने के बाद वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर ने 11 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था.


 

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