
वाराणसी में गंगा की सफाई एक अहम मुद्दा है. ऐसे में पूरे प्रशासन की कोशिश रहती है कि गंगा साफ रहे. फिलहाल वाराणसी नगर निगम की पैनी नजर उन लोगों पर है जो गंगा को दूषित करते हैं. इससे बचने के लिए नगर निगम ने कुछ नियम भी तय किए हैं. अब गंगा में सीवेज बहाने पर एक लाख का जुर्माना लगाया जाएगा.
साथ ही वाराणसी नगर निगम गंगा की स्वच्छता के लिए विशेष अभियान चलाएगा. शहर में 1 दिसंबर से विशेष अभियान चलाया जाएगा.
इन लोगों को भरना होगी जुर्माना
इसके तहत घाट किनारे पहली बार साबुन लगा कर नहाने, कपड़े धोने वालों पर 5 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा. तो वहीं दूसरी बार ऐसा करने वालों को 10 हजार रुपये की पेनल्टी भरनी होगी. तो वहीं तय नियम के मुताबिक अगर कोई शख्स तीसरी बार ऐसा करता पाया जाता है तो उसपर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा.
गंगा में गंदगी करने वालों पर नकेल कसेगा प्रशासन
बता दें कि वाराणसी नगर निगम गंगा में मवेशी नहलाने या किसी प्रकार की गंदगी करने वालों पर भी जुर्माना लगाने की तैयारी में है. इसके लिए भी जल्द प्लान तैयार किया जाएगा. इसके लिए वाराणसी के 84 घाटों पर कमांड सेंटर से नजर रखी जाएगी.
पश्चिम बंगाल में अपनाया जाएगा वाराणसी मॉडल
गौरतलब है कि भारत में गंगा को मां माना जाता है. प्रशासन की कोशिश रहती है कि हर घाट को साफ रखा जाए और गंगा की निर्मलता बरकरार रहे. साथ ही आपको बताते चलें कि हाल ही में वाराणसी की तर्ज पर पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में भी गंगा आरती शुरू करने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए हुगली नदी पर बने घाटों को डेवलप करने के निर्देश दिए गए हैं. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हुगली के घाटों को बनारस की तरह बनाने के निर्देश दिए हैं.
हुबली नदी पर होगी गंगा जैसी आरती
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने निर्देश में अधिकारियों से स्पष्ट कहा है कि घाट डेवलपमेंट के काम में किसी भी तरह की जल्दबाजी न की जाए. चाहे इसमें 2 साल ही क्यों ना लग जाएं. लेकिन सिस्टम को पूरी तरह से सुरक्षित बनाया जाए. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि हुगली नदी के किनारे एक जगह खोजें, जहां गंगा आरती शुरू की जा सके.