
हैदराबाद और उन्नाव की घटना के बाद समाज को जगाने के लिए लोग तरह-तरह से जगरूकता फैला रहे हैं. इसी सिलसिले में वाराणसी में सामाजिक संस्था आगम ने नई पहल की है. इस पहल के तहत अब किसी भी बलात्कारी के मंदिरों में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसके लिए जगह-जगह पोस्टर भी चस्पा किए गए हैं.
वाराणसी के कालिका गली स्थित कालरात्रि मंदिर में बाकायदा मुख्य द्वार के साथ ही गर्भगृह सहित अन्य जगहों पर पोस्टर लगाए गए हैं, जिसमें बेटियों का सम्मान न करने वालों, बेटियों के जन्म पर दुखी होने वाले और दुराचारियों का मंदिर में प्रवेश वर्जित बताया गया है. कार्यक्रम के आयोजक संतोष ओझा ने बताया कि भगवान का स्थान सबसे पवित्र होता है. महिलाएं-बेटियां देवी के समान होती हैं और जो इनका सम्मान नहीं करेगा, उसको ऐसे पवित्र स्थलों पर प्रवेश की इजाजत नहीं है.
ओझा ने बताया कि अभी तो यह शुरुआत है आगे शहर के अन्य देवी मंदिरों पर भी ऐसे पोस्टर लगाकर बनारस के सभी मंदिरों में ऐसे लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का अभियान चलाने की तैयारी है. इस संबंध में मंदिर के पुजारी श्रीनाथ तिवारी कहते हैं कि सब जगह बच्चियों के साथ अन्याय हो रहा है, जिससे मन दुखी हो गया है. यही कारण है कि हमारे मंदिर में ऐसे लोग प्रवेश न करें, जिनका मन गंदा हो.
बता दें, हैदराबाद में एक लेडी डॉक्टर से चार लोगों ने बलात्कार किया और पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी. इस घटना के बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुआ. विरोध में लोग सड़कों पर उतरे और आरोपियों को तत्काल फांसी देने की मांग की. बाद में पुलिस ने इन आरोपियों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया. एक ऐसी ही घटना उत्तर प्रदेश के उन्नाव में हुई जहां एक दुष्कर्म पीड़िता लड़की को पांच लोगों ने पेट्रोल छिड़कर जिंदा जला दिया. दिल्ली के एक अस्तपाल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. पांचों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया है.