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आखिर कब तक सब्र करे भारत का नौजवान...वरुण गांधी ने फिर दिखाए तेवर

वरुण गांधी ने ट्वीट किया, पहले तो सरकारी नौकरी ही नहीं है, फिर भी कुछ मौका आए तो पेपर लीक हो, परीक्षा दे दी तो सालों साल रिजल्ट नहीं, फिर किसी घोटाले में रद्द हो. रेलवे ग्रुप डी के सवा करोड़ नौजवान दो साल से परिणामों के इंतजार में हैं. सेना में भर्ती का भी वही हाल है. आखिर कब तक सब्र करे भारत का नौजवान?

वरुण गांधी लगातार अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. (फाइल फोटो) वरुण गांधी लगातार अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • लखनऊ,
  • 02 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 10:05 AM IST
  • रुण गांधी ने एक बार फिर अपनी ही सरकार के खिलाफ दिखाए बगावती सुर
  • वरुण ने रोजगार के मुद्दे पर साधा निशाना

पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने एक बार फिर अपनी ही सरकार के खिलाफ बगावती सुर दिखाए हैं. लगातार किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेर रहे वरुण ने इस बार नौकरी और पेपर लीक मामले को लेकर निशाना साधा है. वरुण गांधी ने पूछा कि आखिर कब तक सब्र करे भारत का नौजवान?

वरुण गांधी ने ट्वीट किया, पहले तो सरकारी नौकरी ही नहीं है, फिर भी कुछ मौका आए तो पेपर लीक हो, परीक्षा दे दी तो सालों साल रिजल्ट नहीं, फिर किसी घोटाले में रद्द हो. रेलवे ग्रुप डी के सवा करोड़ नौजवान दो साल से परिणामों के इंतजार में हैं. सेना में भर्ती का भी वही हाल है. आखिर कब तक सब्र करे भारत का नौजवान?

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इससे पहले परीक्षा लीक को लेकर भी साधा था निशाना
यूपी में हाल ही में UPTET परीक्षा का पेपर लीक हो गया था. इसे लकेर वरुण गांधी ने ट्वीट किया था, UPTET परीक्षा का पेपर लीक होना लाखों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ है. इस दलदल की छोटी मछलियों पर कार्यवाही से काम नहीं चलेगा, उनके राजनैतिक संरक्षक शिक्षा माफियाओं पर कठोर कार्यवाही करे सरकार. क्योंकि अधिकांश शिक्षण संस्थानों के मालिक राजनैतिक रसूख दार हैं, इनपर कार्यवाही कब होगी? 

लखीमपुर कांड में केंद्रीय मंत्री पर एक्शन की मांग की थी
इससे पहले वरुण गांधी ने लखीमपुर हिंसा को लेकर पीएम मोदी को पत्र लिखा था. इसमें उन्होंने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा पर एक्शन की मांग की थी. वरुण गांधी ने कहा था कि वह कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा का स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा है कि एमएसपी और अन्य मुद्दों पर कानून की मांग पर भी तत्काल निर्णय लिया जाए, ताकि किसान आंदोलन समाप्त करके घर लौट सकें. 

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वरुण ने कहा था, वरिष्ठ पदों पर बैठे कई नेताओं ने आंदोलनकारी किसानों के खिलाफ भड़काऊ बयान दिया है. इस तरह के बयानों और आंदोलन के इर्दगिर्द बने प्रतिकूल माहौल का ही नतीजा है कि तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में पांच किसानों को वाहनों ने कुचल कर मार डाला. यह दिल दहला देने वाली घटना थी. इस घटना से जुड़े केंद्रीय मंत्री के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए, ताकि निष्पक्ष जांच हो सके.

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