
कानपुर के बिकरू कांड की जांच कर रही एसआईटी टीम को 30 अगस्त तक का समय मिला है. अब एसआईटी इस मामले में जांच की रिपोर्ट 30 अगस्त तक सौंप सकेगी. इससे पहले 31 जुलाई तक रिपोर्ट सौंपने की मियाद तय की गई थी.
कानपुर के बिकरू गांव में विकास दुबे ने आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी. इस मामले में पड़ताल के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया था. इस मामले की जांच के लिए अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया गया है. जांच दल को 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट देने का आदेश था जिसे बढ़ाकर अब 30 अगस्त कर दिया गया है.
एसआईटी अब विकास दुबे की एक साल की कॉल डिटेल खंगालने में लगी है. इससे पता चलेगा कि उसका किन माफिया और अपराध जगत के लोगों से संपर्क था. एसआईटी यह भी जांच करेगी कि विकास दुबे गिरोह के साथ स्थानीय पुलिस के क्या रिश्ते थे? विकास दुबे के मामले में मुकदमे और उस पर किसी कार्रवाई के दौरान पुलिस की क्या भूमिका थी, एसआईटी इसकी भी जांच करेगी. क्या विकास दुबे और उसके साथियों को सजा दिलाने की पर्याप्त कोशिश हुई या नहीं, इसकी जांच पड़ताल की जाएगी.
कानपुर में विकास दुबे से जुड़े बिकरू कांड मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एक आयोग का गठन किया गया है. इस आयोग के सदस्य बुधवार को कानपुर पहंच गए हैं. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज बीएस चौहान के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच आयोग कानपुर पहुंचा है. इसमें हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस शशिकांत अग्रवाल और यूपी के रिटायर्ड डीजीपी केएल गुप्ता भी शामिल हैं.