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Waseem Rizvi: वसीम रिजवी के परिवार का धर्म अब क्या? पत्नी-बच्चों का क्या होगा? पढ़ें 6 सवालों के जवाब

शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी (waseem rizvi ) ने सनातन धर्म अपना लिया है. अब वो जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (jitendra narayan singh tyagi) बन गए हैं. ऐसे में कई सारे सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या उनके धर्म बदलने से उनके परिवार का धर्म भी बदल गया?

वसीम रिजवी ने गाजियाबाद के डासना मंदिर में सनातन धर्म ग्रहण किया. वसीम रिजवी ने गाजियाबाद के डासना मंदिर में सनातन धर्म ग्रहण किया.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 8:23 AM IST
  • वसीम रिजवी ने इस्लाम छोड़ सनातन धर्म अपनाया
  • उनके धर्म बदलने से परिवार का धर्म नहीं बदला है

Waseem Rizvi Conversion: उत्तर प्रदेश में शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म अपना लिया है. वसीम रिजवी धर्म परिवर्तन करके जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी बन गए हैं. ऐसे में ये समझना जरूरी है कि आखिर धर्म बदलने से क्या होता है? क्या एक व्यक्ति के धर्म बदलने से उसकी पहचान और उसके परिवार की पहचान का भी धर्म परिवर्तन हो जाता है? जिस सनातन धर्म में माना गया कि हिंदू जन्म से होता है, वहां क्या एक मुस्लिम नागरिक का एक हिंदू धर्मगुरु भी धर्म परिवर्तन करा सकता है? ऐसे कई सारे सवाल उठ रहे हैं, जिनके जवाब हम दे रहे हैं. 

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1. किसी भी नागरिक के धर्म बदलने का तरीका क्या है? 

इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस सीबी पांडे ने धर्म बदलने की कानूनी प्रक्रिया के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि कानूनी प्रक्रिया ये है कि आपको कोर्ट में एफिडेटिव बनवाना होगा, ये नाम था, अब मुस्लिम से हिंदू धर्म बदल रहा हूं, नाम पिता का नाम देकर एफिडेविट देना होता है. उस हलफनामे के आधार पर अखबार में विज्ञापन देना होगा कि मैंने धर्म बदल दिया है. सरकार मान्यता दे इसलिए गजट में नोटिफाई करना होता है. हर जिले में गजट होता है. वहां मान्यता लेनी होती है. डीएम नोटिफाई करते हैं, उस डॉक्यूमेंट के आधार पर कानूनी प्रक्रिया पूरी होती है.

2. क्या कोई धर्मगुरु धर्म परिवर्तन करा सकता है?

इस बारे में रिटायर्ड जस्टिस सीबी पांडे ने कहा कि धार्मिक प्रक्रिया हर धर्म में है, क्रिश्चन में सरल है, मुस्लिम में कलमा पढ़ा देते हैं, हिंदू धर्म में कोई निर्धारित प्रक्रिया नहीं हैं. आर्यसमाज में प्रोटोकॉल है कि उसे फॉलो करिए, मंदिर में भी शुद्धि कार्यक्रम होता है. शुद्धि पूजा के बाद धर्म परिवर्तन होता है, हर मंदिर में अलग अलग प्रक्रिया, नाम दिया जाता है. नाम परिवर्तन के साथ धर्मपरिवर्तन के साथ. बताया जाता है कि हिंदू धर्म एक जीवन प्रक्रिया है, पूजा पाठ, चारों धाम जाना, इस जीवन की प्रक्रिया को भी अपनाना होगा, सिर्फ नाम बदलने से धर्म नहीं बदल जाता.

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3. क्या मंदिर में पूजा कर नाम बदलने भर से धर्म परिवर्तन पूरा हुआ? क्या आगे कानूनी प्रक्रिया जरूरी नहीं है?

रिटायर्ड जस्टिस सीबी पांडे ने कहा, धर्म परिवर्तन तो हो गया लेकिन कानूनी फायदा उठाना चाहते हैं तो हलफनामा देकर नोटिफाई करना होगा. डीएम के सर्टिफिकेट के बाद हर जगह से नाम बदलेगा. जैसे नाम बदलने की प्रक्रिया की तरह धर्म बदलने में भी अपनाना होगा. सारे सर्टिफिकेट में जाकर नाम बदलवाना होगा. 

4. एक व्यक्ति के धर्म परिवर्तन करने से क्या पत्नी-बच्चों का भी धर्म बदल जाता है?  

इस सवाल पर उन्होंने कहा कि पति के धर्म बदल लेने से पत्नी और बच्चों का धर्म नहीं बदलेगा. अगर वो बदलवाना चाहते हैं तो बदलेगा. उन्हें फोर्स नहीं किया जा सकता. यानी वसीम रिजवी भले अब सनातन धर्म ग्रहण कर लें लेकिन परिवार का धर्म परिवर्तन नहीं हुआ है.

5. एक मुस्लिम के धर्म बदलने से परिवार पर क्या असर पड़ता है? 

इस पर वरिष्ठ शिया धर्म गुरु सैफ अब्बास नकवी ने कहा कि पत्नी शिया रहती हैं तो वो उनसे ऑटोमैटिक ही अलग हो गईं. अब वो उनकी पत्नी नहीं रह गईं.

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6. पिता ने धर्म बदला तो पत्नी-बच्चों के अधिकार किस धर्म के तहत चलेंगे? संपत्ति, शादी, तलाक के कानून में अन्य लोग कौन से धर्म का पालन करेंगे? 

रिटायर्ड जस्टिस सीबी पांडे ने बताया कि जो जिस धर्म का है, उसी हिसाब से चलेगा. उन्होंने कहा कि सारा मुस्लिम परिवार धर्म बदलता है तो हिंदू धर्म के हिसाब से चलेगा. कुछ हिंदू हैं, कुछ मुस्लिम तो जो जिस धर्म का उसी हिसाब से चलेगा. यानी भले वसीम रिजवी अब खुद को सनातन धर्म का कहें. लेकिन उनकी पत्नी, उनके बच्चे जब तक खुद अपनी इच्छा से धर्म नहीं बदलते, वो मुस्लिम ही रहेंगे. परिवार में संपत्ति, शादी, तलाक समेत हर तरह की प्रक्रिया परिजनों के मुस्लिम धर्म के मुताबिक ही चलेगी ना कि वसीम रिजवी के जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी बन जाने के कारण हिंदू धर्म के हिसाब से.

(आजतक ब्यूरो)

 

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