
एक तरफ लगातार हो रही बारिश और दूसरी तरफ नेपाल से छोड़े गए पानी की वजह से उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ के हालात हैं. दर्जनों नदियां उफान पर हैं. यूपी में बारिश और नेपाल से पानी छोड़ने पर घाघरा, गंगा, सरयू नदी उफान पर हैं. नेपाल के पानी छोड़ने से शारदा बैराज-पलिया कला, लोवर घाघरा-तुर्किपार-बलिया और गंगा नरोरा डैम बुलंदशहर में खतरे के लाल निशान के नजदीक पहुंच गया है.
भारी बारिश और नदियों के जलस्तर बढ़ने के चलते यूपी के सैकड़ो गांव में हाहाकार मचा हुआ है. कटान और बाढ़ के खतरे को देखते हुए ग्रामीण सुरक्षित स्थानों पर नाव से पलायन कर रहे हैं. बाराबंकी, लखीमपुर, सीतापुर बलिया समेत कई जिलों के तराई क्षेत्रों में हाहाकार मचा हुआ है.
बिजनैर के दो दर्जन गांव बाढ़ प्रभावित
बिजनौर में गंगा किनारे बसे दो दर्जन से ज्यादा गावं बाढ़ से प्रभावित हैं और यहां के ग्रामीणों का जीना मुहाल हो चला है. एसडीआरएफ, पीएसी और पुलिस प्रशासन ड्रोन कैमरे के जरिए जंगल के टापू में फसे ग्रामीणों की तलाश कर रेस्क्यू ऑपरेशन कर रहे है. बुलंदशहर में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से महज 16 सेंटीमीटर नीचे है.
ऐसी आशंका जताई जा रही है कि देर रात तक बिजनौर और हरिद्वार से छोड़ा पानी नरौरा बैराज पहुंच सकता है. बाढ़ की आशंका को देखते हुए अधिकारियों ने तमाम चाक-चौबंद व्यवस्था कर रखी है और अधिकारी लगातार नजर रखे हुए हैं.
हरिद्वार से छो़ड़ा गया पानी
पहाड़ी और मैदानी इलाकों में हो रही लगातार बारिश के बाद हरिद्वार से लगभग चार लाख क्यूसेक पानी छोड़ने से गंगा उफान पर आ गई है. ऐसे में मेरठ के हस्तिनापुर में गंगा जलस्तर बढ़ने से बांध का एक तटबंध टूट गया और दूसरा क्षतिग्रस्त हो गया. गंगा उफान पर आने से मेरठ के हस्तिनापुर के लगभग 12 गांवो के खेत जलमग्न हो गए है.मेरठ के हस्तिनापुर, परीक्षितगढ़ खादर क्षेत्र में बाढ़ के हालात बन गए हैं.
मवाना के एसडीएम कमलेश कुमार गोयल का कहना है कि पिछले 2 दिन से गंगा का स्तर लगातार बढ़ रहा था. लेकिन पिछले कई घंटे से जलस्तर स्टेबल है. बाढ़ की दृष्टि से बहराइच अति संवेदनशील है. लेकिन यहां अभी बाढ़ की स्थिति नहीं है, सिर्फ घाघरा व सरयू कटान कर रही है. नदी के कटान प्रभावित गांवों में लोग अपना घर बार स्वंय अपने हाथों तोड़कर उन गांवों से पलायन कर सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं.
पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश का असर अब मैदानी इलाकों में भी दिखने लगा है. इसी के चलते गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी आ गई है. हालांकि वाराणसी में गंगा अभी खतरे के निशान से काफी नीचे बह रही है, लेकिन गंगा में बढ़ाव प्रति घंटा 1 सेंटीमीटर हो रहा है. जिससे घाट किनारे बसे लोगों की चिंता बढ़ गई है.