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मथुरा से फिरोजाबाद तक पुलिस एक्शन में, क्या योगी राज में बदल रहा है यूपी?

यूं तो राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर यूपी पुलिस पर हमेशा से सवालों के दायरे में रहती हैं, लेकिन आजकल पुलिस का बदला बदला मिज़ाज चर्चा का विषय बन रहा है.

योगी आदित्यनाथ योगी आदित्यनाथ
अमित कुमार दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 20 मई 2017,
  • अपडेटेड 11:55 PM IST

यूं तो राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर यूपी पुलिस पर हमेशा से सवालों के दायरे में रहती हैं, लेकिन आजकल पुलिस का बदला बदला मिज़ाज चर्चा का विषय बन रहा है.

मथुरा के 2 सर्राफा व्यापारियों के हत्याकांड में बड़ी कामयाबी
मथुरा शहर के होलीगेट पर सरे बाजार सोमवार की रात हुई 2 सर्राफा व्यापारियों की हत्या और लूट मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली. पुलिस ने मुख्य आरोपी रंगा और चीमा सहित 6 बदमाशों को तयशुदा समय में गिरफ्तार कर लिया हैं. सभी आरोपी कुछ दिन पहले से ही पुलिस की रडार पर थे. इस मामले पर पूरे सूबे में सड़क से लेकर सदन तक माहौल गरम था.

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अगवा कारोबारी को सिर्फ 6 घंटे में छुड़ाया
एफएम ग्लास इंडस्ट्री के मालिक संजय मित्तल फिरोजाबाद में नंगला भाऊ इंडस्ट्रियल इलाके में अपनी फैक्ट्री जा रहे थे. इस दौरान मित्तल की इनोवा को पुलिस की ड्रेस में दो मोटरसाइकिल सवारों ने रुकवाया और बंदूक के दम पर संजय को उनकी कार में ही बंधक बना अगवा कर ले गए थे. अगवा कारोबारी संजय मित्तल को पुलिस ने 6 घंटे के भीतर छुड़ा लिया. पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया था.

प्रदेश में जब से नई सरकार आयी हैं , तब से उसका सारा फोकस राज्य की कानून व्यवस्था सुधारने में है. इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि कई बार राज्य के मुख्यमंत्री ने खुद अपराधियों को कड़ी चेतावनी देते हुए नज़र आए हैं.

सुलखान सिंह ने बदली पुलिस की छवि
प्रदेश की योगी सरकार ने जावेद अहमद की जगह सुलखान सिंह को पुलिस का डीजीपी नियुक्त किया था. इनकी गिनती प्रदेश के ईमानदार अफसरों में की जाती हैं. सुलखान अपनी सख़्ती के लिए भी मशहूर हैं. जानकारों मानें तो कि योगी सरकार उत्‍तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सुलखान की ही तरह किसी ईमानदार और तेज-तर्रार अफसर की तलाश में थी. इसीलिए उनका चुनाव किया गया था.

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राजनीति हस्तक्षेप कम होना भी है वजह
अक्सर पुलिस की ये शिकायत रहती है कि उसके काम में राजनीति हस्तक्षेप होता है और इससे उसके काम करने की काबिलियत को धक्का लगता है. पिछली सरकार के मुकाबले वर्तमान सरकार में राजनीति हस्तक्षेप कम हुआ है. इससे पुलिस के लिए अपराधियों के खिलाफ काम करने में आसानी हुई है.

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