
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट ने अपने बेटे को मुसलमानों से भेदभाव नहीं करने की नसीहत दी है. 84 वर्षीय सेवानिवृत्त फॉरेस्ट रेंजर विष्ट ने कहा कि बुर्का पहने मुस्लिम महिलाओं ने भी योगी को वोट दिया है. लिहाजा अब उनको मुस्लिम महिलाओं का ख्याल रखना चाहिए और उनको सभी धर्म के लोगों का दिल जीतना चाहिए. उन्होंने कहा कि योगी को सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए और सभी को साथ लेकर चलना चाहिए.
मंगलवार को आनंद विष्ट ने कहा कि उनके बेटे योगी के कंधों पर काफी जिम्मेदारियां हैं. मुस्लिम महिलाओं ने बीजेपी को इस उम्मीद के साथ वोट दिया है कि पार्टी तीन तलाक और अन्य मुद्दों पर उनकी मदद करेगी. बीजेपी पर सभी धर्मों के लोग यकीन करते हैं. लिहाजा योगी सभी को विकास के पथ पर ले जा सकते हैं. आनंद सिंह बिष्ट अपनी पत्नी सवित्री के साथ पौड़ी जिले के पंचूर गांव में रहते हैं.
बिष्ट ने कहा कि यूपी के नए सीएम ने अपने स्टाफ से ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं करने को कहा है, जो लोगों को आहत करती हो. योगी इस दिशा में गंभीरता के साथ कोशिश कर रहे हैं और यह साफ नजर भी आ रहा है. योगी को अपनी हिंदुत्व प्रचारक की छवि बदलने की जरूरत है. उनको समाज के सभी वर्गों के हित में काम करना चाहिए.
छात्र जीवन से ही आरएसएस से जुड़ गए थे
योगी के छोटे भाई महेंद्र विष्ट ने बताया कि बड़े भाई आदित्यनाथ छात्र जीवन में ही आरएसएस से जुड़ गए थे. वह स्नातक की पढ़ाई के दौरान आरएसएस के संपर्क में आने के बाद से अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल सही दिशा में करने
लगे थे. पांच जून 1972 में जन्म अजय सिंह बिष्ट (अब योगी आदित्यनाथ) ने अपनी पढ़ाई पौड़ी से की थी. इसके बाद कोटद्वार से बीएससी की पढ़ाई की और एमएससी की पढ़ाई के दौरान 1993 में सब कुछ छोड़कर गोरखपुर आ
गए. बिष्ट के मुताबिक 1994 में योगी के संयास लेने के फैसले को समझने में परिवार को कुछ समय लगा.