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यूपी लव जिहाद अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, अवैध और असंवैधानिक करार करने की मांंग

याचिका में कहा गया है कि अध्यादेश संविधान के तहत मौलिक अधिकारों के खिलाफ हैं. अध्यादेश का दुरुपयोग किसी को भी गलत तरीके से फंसाने के लिए किया जाएगा और अराजकता पैदा करेगा.

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका (सांकेतिक फोटो) सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका (सांकेतिक फोटो)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 03 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 9:35 PM IST
  • लॉ स्टूडेंट्स के एक ग्रुप ने दाखिल की है याचिका
  • कहा- धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है ये कानून 
  • बरेली में 'लव जिहाद' के आरोप में पहला केस दर्ज हुआ था

यूपी में लव जिहाद रोकने के लिए बनाए गए नए कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. याचिका में अध्यादेशों को अवैध और असंवैधानिक करार देने की मांग की गई है. ये याचिका लॉ स्टूडेंट्स के एक ग्रुप ने दाखिल की है. 

याचिका में कहा गया है कि अध्यादेश संविधान के तहत मौलिक अधिकारों के खिलाफ हैं. अध्यादेश का दुरुपयोग किसी को भी गलत तरीके से फंसाने के लिए किया जाएगा और अराजकता पैदा करेगा. ये कानून मनमाना है और बोलने और धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है. 

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बता दें कि उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने 24 नवंबर को लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश को मंजूरी दी थी. हालांकि इसमें कहीं भी लव जिहाद शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है लेकिन यह कहा गया है कि गैर कानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन कराने पर एक्शन लिया जाएगा.

फिलहाल, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के इस अध्यादेश को मंजूरी देने के बाद यह कानूनी रूप ले चुका है. इसे 6 महीने के अंदर राज्य सरकार को विधानसभा से पास कराना पड़ेगा. बरेली में 'लव जिहाद' के आरोप में नए कानून के तहत पहली एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है. 

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