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बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने उन खबरों का खंडन किया है जिनमें कहा गया था कि उन्होंने मोदी सरकार के खिलाफ बयान दिया है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में सिन्हा के हवाले से कहा गया था कि मोदी सरकार का हश्र भी इंदिरा सरकार की तरह होगा. यशवंत सिन्हा ने इसे गलत बताया है.
क्या कहा गया था मीडिया रिपोर्ट्स में?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गोवा में एक कार्यक्रम के दौरान यशवंत सिन्हा ने कहा था कि सरकार में संवादहीनता चरम पर है. यह सरकार भी ठीक वैसे ही हालात की ओर बढ़ रही है जैसे आपातकाल के बाद चुनाव में इंदिरा सरकार पहुंची थी. इस सरकार को भी जनता वैसे ही धूल चटा देगी जैसे इंदिरा गाधी को चटाई थी.
अब क्या कहा यशवंत सिन्हा ने?
यशवंत सिन्हा ने कहा कि मैंने उन्हें इंदिरा गांधी के लगाए आपातकाल की याद जरूर दिलाई थी. मैंने कहा था कि 1977 में इस देश की जनता ने इंदिरा को सबक सिखाया था. क्योंकि असहिष्णु होना और संवाद का दम घोटना हमारी विचारधारा नहीं है. मैंने कहा था कि सहमति लोकतंत्र की आत्मा है और सहमति सिर्फ बातचीत से बनाई जा सकती है. इसलिए जिस देश में लोकतंत्र मजूबत हो वहां संवाद खत्म नहीं हो सकता. इसीलिए देश में लोकतंत्र और संवाद जिंदा हैं. मैंने सिर्फ इतना कहा था. जिस भी पत्रकार ने यह खबर चलाई है, उसने मेरे साथ बहुत बड़ी नाइंसाफी की है.
गोवा में दिया बयान
यशवंत सिन्हा पार्टी के उन वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं जिन्हें बीजेपी में मोदी-शाह गुट के काबिज हो जाने के बाद किनारे कर दिया गया. अक्सर यशवंत सिन्हा शाह-मोदी गुट पर निशाना साधते रहे हैं. जिस कार्यक्रम से यह खबर निकली, उसमें सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी भी शामिल हुए थे.