
यूपी में प्रचंड बहुमत के साथ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सत्ता में फिर से वापसी कर ली है. बीजेपी को 403 सीटों वाली विधानसभा में 273 सीटों के साथ प्रचंड बहुमत मिला है. बीजेपी को बहुमत के बाद योगी आदित्यनाथ के फिर से मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है लेकिन वे कब पद एवं गोपनीयता की शपथ लेंगे? इसे लेकर सस्पेंस बना हुआ है.
योगीराज 2.0 का आगाज कब होगा, समर्थकों को उस घड़ी का इंतजार है. काशी यानी वाराणसी के ज्योतिषी की मानें तो 14 मार्च को रंगभरी एकादशी है और इस दिन योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण के लिए दो उत्तम मुहूर्त हैं. श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के ट्रस्टी ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक मालवीय के मुताबिक 14 मार्च की सुबह या फिर शाम को शपथ ग्रहण के लिए उत्तम मुहूर्त है.
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ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक मालवीय के मुताबिक योगी आदित्यनाथ ने यदि 14 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ नहीं ली तो फिर करीब एक महीने तक शुभ मुहूर्त का इंतजार करना पड़ सकता है क्योंकि 14-15 की देर रात से खरमास शुरू हो जाएगा. उन्होंने बताया कि 14 मार्च को रंगभरी एकादशी है. शास्त्रों के मुताबिक इसी दिन भगवान शिव, माता पार्वती का गौना कराकर वाराणसी आए थे.
पंडित दीपक मालवीय ने कहा कि 14 मार्च को दिन में 11:30 से 12:30 बजे तक अभिजीत नाम का मुहूर्त है जिसकी शास्त्रों में अत्यंत सुंदर चर्चा की गई है. इसी मुहूर्त में भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था.
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उन्होंने बताया कि इसके बाद शाम को 3:49 से 6:03 बजे तक सिंह लग्न है जो शपथ ग्रहण समारोह के लिए उत्तम है. पंडित दीपक मालवीय के मुताबिक इससे पहले 10:47 बजे तक भद्रा है जिसमें शुभ कार्य नहीं किए जाते. 14-15 की रात्रि में 2:10 बजे सूर्य, मीन राशि में प्रवेश करेगा और एक मास का खरमास प्रारंभ हो जाएगा जिसमें सभी शुभ कार्य वर्जित रहते हैं.
राज्याभिषेक के लिए शास्त्रों में है मुहूर्त का वर्णन
पंडित दीपक मालवीय ने आगे कहा कि सभी प्रकार के कार्यों के लिए मुहूर्त का निर्धारण किया गया है. इसके लिए तिथियों और नक्षत्रों का निर्धारण किया गया है. विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, वास्तु प्रवेश, वास्तु शांति के साथ ही राज्याभिषेक और विजय के लिए भी मुहूर्त का वर्णन ग्रंथों में मिलता है. शास्त्रों के मुताबिक मुहूर्त में किए गए कार्य सिद्ध होते हैं और सफलता की 60 फीसदी सफलता की गारंटी भी होती है.
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श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के ट्रस्टी दीपक मालवीय ने कहा कि मुहूर्त में किए गए कार्य यश और कीर्ति में वृद्धि करने वाले होते हैं. मुहूर्त में कार्य न करने से उसके उत्तम फल नहीं मिलते.