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योगी के मंत्री बोले- ‘अंधविश्वास नहीं फ्लैट निवेशकों के डर से नोएडा आने से कतराते थे अखिलेश’

कहां तो यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल में नोएडा आने के नाम से ही खौफ खाते थे कि कहीं अपशगुन के कारण कुर्सी ना चली जाए, वहीं यूपी के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 15 दिन के अंतराल में ही तीन बार नोएडा का दौरा कर चुके हैं. बीते शुक्रवार को योगी ग्रेटर नोएडा में युवा महोत्सव में पहुंचे. 

UP CM Yogi Adityanath UP CM Yogi Adityanath
वंदना भारती/खुशदीप सहगल/आनंद पटेल
  • नई दिल्ली,
  • 16 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 4:07 PM IST

कहां तो यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल में नोएडा आने के नाम से ही खौफ खाते थे कि कहीं अपशगुन के कारण कुर्सी ना चली जाए, वहीं यूपी के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 15 दिन के अंतराल में ही तीन बार नोएडा का दौरा कर चुके हैं. बीते शुक्रवार को योगी ग्रेटर नोएडा में युवा महोत्सव में पहुंचे.  

योगी से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके अखिलेश यादव अपने कार्यकाल के दौरान एक बार भी नोएडा नहीं आए. माना यही जाता था कि यूपी में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर जो भी होता है, अगर वो नोएडा जाता है तो अपशगुन के चलते उसे अपनी कुर्सी गंवानी पड़ती है. इसके लिए कुछ मुख्यमंत्रियों की कुर्सी जाने के उदाहरण भी दिए जाते थे, लेकिन अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री रहते हुए नोएडा ना आने के पीछे योगी सरकार के एक मंत्री ने कुछ और ही वजह बताई है. यूपी के उद्योग मंत्री सतीश महाना का कहना है कि अखिलेश किसी अंधविश्वास की वजह से नहीं बल्कि नोएडा आने से इसलिए डरते थे कि कहीं फ्लैट निवेशकों के गुस्से का सामना नहीं करना पड़े. बता दें कि नोएडा में हजारों निवेशक ऐसे हैं जो बिल्डर्स को पूरा पैसा देने के बावजूद कई वर्षों से अपने फ्लैट मिलने का इंतजार कर रहे हैं.

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योगी सरकार लखनऊ में 21-22 फरवरी को निवेश सम्मेलन की तैयारी में जुटी है. इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को करना है. उद्योग मंत्री महाना इसी सिलसिले में दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं. महाना ने ‘आज तक’ से बातचीत में कहा कि पहले लोगों को नोएडा आने में डर लगता था. इसलिए नहीं क्योंकि फिर जीत कर आएंगे या नहीं, बल्कि इसलिए कि कहीं लोगों के सामने ना आ जाएं. हमारे मुख्यमंत्री यहां आते भी हैं और लोगों की समस्या सुनकर समाधान निकलने की कोशिश भी कर रहे हैं.

महाना ने कहा कि फ्लैट निवेशकों से जुड़ी ये समस्या पिछली सरकारों द्वारा खड़ी की हुई है जिन्होंने इसे सुलझाने की कोई कोशिश नहीं की. खरीदारों ने 2006 से 2008 में अपने फ्लैट बुक कराए थे और बिल्डर्स ने उनको 5-6 साल में फ्लैट का कब्जा देने के लिए कहा था. 2006 में बुक किया फ्लैट 2012 में मिलना चाहिए था, लेकिन 2017 में भी नहीं मिला. ये समस्या उनकी खड़ी की हुई है.

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उद्योग मंत्री ने दावा किया कि अधूरे पड़े फ्लैट्स की समस्या से निपटने के लिए बनाए गए मंत्री समूह के काम संभालने के बाद अब तक 32 हजार फ्लैट के कंपलीशन सर्टिफिकेट दिए जा चुके हैं. महाना के मुताबिक पहले किसी बिल्डर को प्रोजेक्ट पूरा करने के बाद नोएडा प्राधिकरण से प्रमाण पत्र लेने के लिए चक्कर लगाने पड़ते थे, अब उल्टा है, हमारे अधिकारी बिल्डर को बुला कर कहते हैं कि अगर प्रोजेक्ट पूरा है तो कंपलीशन सर्टिफिकेट ले जाओ.

महाना ने पिछली सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा कि सबको पता है प्लॉट देने के लिए किसने कितने पैसे लिए. महाना के मुताबिक इस सरकार की सहानुभूति उन लोगों के साथ है जिनकी गाढ़ी कमाई बिल्डर्स ने हड़प ली है. सरकार और मुख्यमंत्री इस कोशिश में हैं कि किसी तरह ऐसे बिल्डर्स पर कानूनी तरीके से दबाव बनाकर लोगों को उनके फ्लैट दिलवाए जाएं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फ्लैट निवेशकों से दो तीन बार मिल चुके हैं.

निवेशकों को ठगने वाले बिल्डर्स को जेल भेजने की मांग पर उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे बिल्डर्स हैं जो जेल में भी हैं, उनके निवेशक जब समस्या लेकर आते हैं तो सवाल खड़ा होता है कि हम बात किससे करें. महाना के मुताबिक सरकार की पहली कोशिश है कि किसी तरह बिल्डर्स से लोगों के फ्लैट बनवाएं, अगर नहीं मानें तो जेल जाएंगे.

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महाना ने कहा कि सरकार बिल्डर्स का सर्वे करवा रही है, इससे वस्तुस्थिति का पता चलेगा कि कितना काम हुआ है, प्रोजेक्ट पूरा करने पर कितना खर्चा आएगा. हम ये भी पता लगा रहे हैं कि बिल्डर्स ने निवेशकों का कितना पैसा दूसरी जगह लगाया है ताकि डिफॉल्टर बिल्डर की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई का विकल्प भी रहे. गलत नीयत वाले किसी बिल्डर को छोड़ा नहीं जाएगा.

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