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योगी सरकार का बड़ा फैसलाः छेड़खानी करने वालों के भी CAA की तर्ज पर लगेंगे शहर में पोस्टर

यूपी में अगर कोई भी महिलाओं से छेड़खानी करते पकड़ा जाता है कि तो उसके पोस्टर शहर में लगेंगे. योगी सरकार ने इसी तरह का कदम नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ हुई हिंसा के दौरान भी उठाया था. सरकार ने सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों का पोस्टर सड़कों पर लगाया था. 

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो) यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
शिवेंद्र श्रीवास्तव/कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 24 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 1:56 PM IST
  • महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर CM का बड़ा फैसला
  • CAA की तर्ज पर लगेंगे शहर में पोस्टर
  • सीएम योगी का अधिकारियों को सख्त निर्देश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर बड़ा फैसला लिया है. यूपी में अगर कोई भी महिलाओं से छेड़खानी करते पकड़ा जाता है कि तो उसके पोस्टर शहर में लगेंगे. योगी सरकार ने इसी तरह का कदम नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ हुई हिंसा के दौरान भी उठाया था. सरकार ने सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों का पोस्टर सड़कों पर लगाया था. 

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मिशन दुराचारी के तहत महिला पुलिसकर्मियों को जिम्मा दिया जाएगा. महिला पुलिस शहर के चौराहों पर नजर रखेगी. प्रदेश में महिला अपराध के कई मामले सामने आने के बाद सीएम योगी ने ये फैसला लिया है.

मुख्यमंत्री ने अधिकारीयों को निर्देश दिया है कि सरेराह छेड़खानी करने वाले शोहदों और आदतन दुराचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. साथ ही सीएम योगी ने बड़ा फैसला लेते हुए ऐसे अपराधियों के पोस्टर सार्वजानिक सथलों पर लगाने के निर्देश दिए हैं.

CM ने क्या आदेश दिया

- महिलाओं से किसी भी तरह का अपराध करने वाले दुराचारियों को महिला पुलिसकर्मियों से ही दंडित कराएं.

- महिला पुलिसकर्मियों से ही इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई कराई जाए.

- ऐसे अपराधियों और दुराचारियों के मददगारों के भी नाम उजागर करें

- जिस तरह एंटी रोमियो स्क्वायड ने मनचलों और महिलाओं के साथ अपराध करने वालों की कमर तोड़ी, वैसे ही हर जनपद की पुलिस अभियान चलाती रहे. 

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- कहीं भी महिलाओं के साथ कोई आपराधिक घटना हुई तो संबंधित बीट इंचार्ज, चौकी इंचार्ज, थाना प्रभारी और सीओ जिम्मेदार होंगे.

सीएम योगी ने कहा कि महिलाओं और बच्चियों के साथ रेप, छेड़खानी, यौन उत्पीड़न या शोषण करने वाले अपराधियों और दुराचारियों के मददगारों के भी नाम उजागर किए जाएं. ऐसा करने से उनके मददगारों में भी बदनामी का डर पैदा होगा

 

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