
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद से नाम बदलने की प्रथा देखी गई है. चाहे शहर की बात हो या किसी जगह की, योगी सरकार ने नाम बदलने में कोई हिचक नहीं दिखाई. मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलने से शुरू हुआ यह कल्चर शहरों के नाम तक पहुंच गया. कुछ शहरों के नाम बदल दिए गए हैं, जिसके बाद कुछ के नाम बदलने की डिमांड की जा रही है.
अक्टूबर 2018 में योगी सरकार ने संगम नगरी इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया था. इसके बाद प्रयागराज में कुंभ मेले का आयोजन हुआ. योगी सरकार ने इस मेले को सबसे खास बताया और श्रद्धालुओं ने भी सुविधाओं की तारीफ की. शहर का नाम बदलकर अब प्रयागराज के रेलवे स्टेशनों के नाम भी बदल दिए गए हैं.
प्रयागराज में रेलवे स्टेशनों की पहचान बदली
फरवरी 2020 में प्रयागराज के चार रेलवे स्टेशनों के नाम भी बदल दिए गए. जिसके बाद इलाहाबाद जंक्शन अब प्रयागराज जंक्शन बन गया है. इसके अलावा इलाहाबाद सिटी स्टेशन, रामबाग और इलाहाबाद छिवकी स्टेशन के नाम भी बदल दिए गए हैं. साथ ही प्रयागराज घाट का नाम बदलकर प्रयागराज संगम कर दिया गया है.
प्रयागराज के रेलवे स्टेशनों से पहले मुगलसराय स्टेशन का नाम भी बदला गया था. या यूं कहें कि नाम बदलने की प्रथा इसी से शुरू हुई थी.
सबसे पहले बदला गया मुगलसराय स्टेशन का नाम
2017 में यूपी की सत्ता मिलने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज में यूपी में सबसे पहले मुगलसराय स्टेशन का नाम बदला गया. योगी सरकार के प्रस्ताव को केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने के बाद अगस्त 2018 में मुगलसराय स्टेशन पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन बन गया.
सिर्फ इतना ही नहीं, इसके बाद योगी कैबिनेट ने मुगलसराय तहसील का नाम भी बदल दिया. योगी कैबिनेट ने तहसील का नाम बदलकर पंडित दीन दयाल उपाध्याय तहसील कर दिया.
फैजाबाद जिला बना अयोध्या
राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने से पहले ही योगी सरकार ने अयोध्या को पूरी तरह बदलने का काम शुरू कर दिया था. अयोध्या शहर में दिवाली का ऐसा जश्न मनाया गया, जिसने भगवान राम के युग की याद दिलाई. दिवाली पर इतने दीप जलाए गए कि घटना गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गई. इसके साथ ही योगी सरकार ने फैजाबाद जिले का नाम भी अयोध्या कर दिया. यानी अयोध्या शहर जिस फैजाबाद जिले के अंतर्गत आता था, उसका स्वरूप ही बदल दिया गया और पूरे जिले को अयोध्या बना दिया गया.
अब इन शहरों के नाम बदलने की डिमांड
यूपी में नाम बदलने का जो कल्चर धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के आधार पर शुरू हुआ, उसके बाद अब दूसरे शहरों की पहचान बदलने की भी डिमांड की जाने लगी है. अलीगढ़ का नाम बदलने की मांग भी की जा रही है. बीजेपी से जुड़ नेताओं व संगठनों ने अलीगढ़ का नाम बदलकर हरीगढ़ करने की मांग रखी है. हालांकि, अलीगढ़ को लेकर यह मांग नई नहीं है. कल्याण सिंह के मुख्यमंत्री काल में अलीगढ़ का नाम बदलने की कोशिश की गई थी.
इसके अलावा आगरा को अग्रवन, आजमगढ़ को आर्यमगढ़, गाजीपुर को गाधिपुरी, सुल्तानपुर को कुशभवनपुर करने की की चर्चा है. गाजियाबाद को लेकर भी मांग की गई है.
सुल्तानपुर को लेकर तो राज्यपाल भी पत्र लिख चुके हैं. दरअसल, राज्यपाल को राजपूताना शौर्य फाउंडेशन नाम की संस्था की तरफ से यह मांग की गई थी कि सुल्तानपुर जिले के नाम बदलकर कुशभवनपुर किया जाए. इसी मांग को राज्यपाल ने सीएम योगी तक बढ़ाया था. हालांकि, अभी तक इस पर फैसला नहीं हुआ है.
कुल मिलाकर आधिकारिक तौर पर यूपी में अभी फैजाबाद और प्रयागराज शहरों के नाम ही बदले गए हैं. इसके अलावा मुगलसराय तहसील का नाम बदला गया है. जबकि कुछ रेलवे स्टेशन के नाम बदले गए हैं. लेकिन शहरों की डिमांड लिस्ट अभी लंबी है. ऐसे में भविष्य में यूपी के अंदर शहरों के नए नाम देखने को मिल सकते हैं.