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यूपी में अब वक्फ बोर्ड की संपत्ति की होगी जांच, योगी सरकार का बड़ा फैसला

यूपी सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. अवैध कब्जे वाले दावों की जांच करने की बात सामने आई है. अभी तक वक्फ बोर्ड ने सरकार के इस आदेश पर कोई प्रतिक्रिया नही दी है. लेकिन क्योंकि मदरसों के सर्वे पर विवाद चल रहा है, ऐसे में इस पर भी बवाल हो सकता है.

सीएम योगी आदित्यनाथ सीएम योगी आदित्यनाथ
समर्थ श्रीवास्तव/आशीष श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 20 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 1:21 AM IST

यूपी सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. अभी प्रदेश में मदरसों के सर्वे को लेकर विवाद चल रहा है, लेकिन इस बीच एक और बड़ा फैसला लिया गया है. निर्देश दिया गया है कि सभी जिलों में एक महीने के अंदर वक्फ बोर्ड की संपत्ति की जांच होनी होगी. इसी कड़ी में शासन ने सभी कमिश्नर और डीएम को पत्र लिख दिया है.

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जानकारी के लिए बता दें कि राज्य सरकार को ऐसे इनपुट मिले हैं कि वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जे चल रहे हैं, ऐसे में उसी की जांच के लिए ये फैसला लिया गया है. अभी तक वक्फ बोर्ड की तरफ से सरकार के इस फैसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. लेकिन क्योंकि अभी मदरसों के सर्वे को लेकर बवाल चल रहा है, ऐसे में इस आदेश पर भी विवाद खड़ा हो सकता है.

सर्वे वाले विवाद की बात करें तो उत्तर प्रदेश सरकार ने 31 अगस्त को यूपी के मदरसों का सर्वे करने का फैसला किया था. पाया गया था कि यूपी में कुल 16,461 मदरसा हैं, लेकिन सरकार के साथ रेजिस्टर्ड सिर्फ 560. इसी वजह से सभी मदरसों के सर्वे का फैसला लिया गया. तर्क दिया गया कि इसके जरिए जानने का प्रयास रहेगा कि मदरसों में कितने छात्र हैं, कितने शिक्षक हैं, कैसी सुविधाएं वसहां दी जा रही हैं. अभी के लिए कानपुर में तो इस प्रक्रिया को शुरू भी कर दिया गया है. वहां पर कुल 23 ऐसे मदरसे सामने आए हैं जो अनधिकृत बताए जा रहे हैं. लेकिन उन दावों से जमीयत उलेमा-ए- हिंद ज्यादा संतुष्ट नहीं है. इस बारे में अरशद मदानी कहते हैं कि कुछ सांप्रदायिक ताकतों ने देश में नफरत फैलाने का काम किया है. इस पूरे मामले में सरकार की भूमिका ऐसी हो गई है कि जब भी योजना आती है मुस्लिम समाज को लगने लगता है कि ये उन्हें बर्बाद करने के लिए आई है.

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मुस्लिम धर्मगुरु कल्बे जवाद ने कही ये बात

वहीं मुस्लिम धर्मगुरु कल्बे जवाद ने कहा कि मदरसे के सर्वे पर हम सहमत नहीं हैं. एक पक्ष का सर्वे नहीं होना चाहिए. 70 फ़ीसदी वक्फ बोर्ड के कब्जे  माफियाओं और गवर्नमेंट के पास हैं. इंदिरा भवन पर वक्फ बोर्ड का कब्जा है. 30 फ़ीसदी केवल जमीन वक्फ के पास है. सरकार नाजायज कब्जे छुटवाए, तब तो ठीक है लेकिन सिर्फ मुसलमानों का सर्वे कराकर जमीन देख ले तब कोई फायदा नहीं है. वक्फ की जमीन को कोई जबरदस्ती खाली नहीं करवा पाएगा और अगर कोई रहना चाहता है तो वहां किराया लेने के बारे में सरकार को मालूम होगा. 


AIMIM नेता वकार बोले- मंदिर और धर्मशालाओं का भी सर्वे हो


वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टीज पर सर्वे को लेकर AIMIM नेता असीम वकार ने कहा कि योगी आदित्यनाथ का नया फरमान जारी हुआ है. पहले वक्फ बोर्ड के चेयरमैन को तो आपने करप्शन के आरोप में जेल नहीं भेजा. उन्होंने कहा कि मुसलमानों को जांच के नाम पर परेशान किया जा रहा है. कभी मदरसों की जांच तो कभी मुस्लिमों की जांच. ये एक तरफा कार्रवाई है. बड़ी धर्मशाला और मंदिरों के ट्रस्ट हैं, उनकी जांच भी होनी चाहिए. क्या इनके घोटाले आपकी नजर में नहीं हैं. उन्होंने कहा कि भले ही वक्फ बोर्ड का सर्वे करिए, लेकिन अपनी मंशा साफ कीजिए. सबका एक लाइन से सर्वे कराइए.

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