
प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर योगी सरकार के सख्त रुख के बाद अब शिक्षा विभाग हरकत में आ गया है. यूपी में लखनऊ के जिला स्कूल निरीक्षक ने प्राइवेट स्कूलों पर कार्रवाई शुरू कर दी है.
लखनऊ के जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) उमेश त्रिपाठी के मुताबिक अब प्राइवेट स्कूलों पर लगाम कसी जाएगी. मनमानी फीस वसूलने वालों के खिलाफ पैरेंट्स FIR करवा सकते हैं. कोई भी अभिभावक यदि पूछे तो स्कूल को यह बताना अनिवार्य होगा कि स्कूल में कितने बच्चे पढ़ते हैं, कितने शिक्षक हैं और शिक्षकों को कितनी तनख्वाह मिलती है.
किताबों के नाम पर लूट बंद होगी
सोमवार को DIOS उमेश त्रिपाठी ने दो प्राइवेट स्कूलों की किताबों की दुकानें सील की हैं, जहां स्कूल मनमर्जी से इसे बेचा जा रहा था. निजी प्रकाशकों की किताबें जो स्कूल द्वारा तय दुकानों मे मिलती है, उस पर रोक लगेगी. अब केवल
एनसीईआरटी की किताबें चलेगी. अभिभावक जहां से चाहे वहां से खरीद सकते हैं किताबें.
एसी, बिल्डिंग चार्ज पर भी रोक उन्होंने कहा कि अभिभावक स्कूल फीस बढ़ाने की वजह जान सकते हैं. यही नहीं, एसी, बिल्डिंग और मैगजीन चार्ज अवैध होंगे, क्योंकि अगर स्कूल भवन बनाता है, एसी लगता है तो यह उसकी निजी संपत्ति है और कोई भी स्कूल सिर्फ इनका मेंटेनेंस चार्ज ले सकता है.
स्कूल परिसर में शादी-ब्याह नहीं
शिक्षा विभाग के अनुसार निजी स्कूल का फीस तय करने का मानक तय होगा, इसमे शिक्षकों की सैलरी, स्कूल के मेन्टेनेंस का जितना पैसा होगा उसे देखकर उसमें स्कूल के स्टूडेंट की तादात के हिसाब से स्कूल फीस तय की जाएगी. किसी भी स्कूल का कॉमशिर्यल इस्तेमाल नहीं हो सकेगा. स्कूल परिसर में किताबें, ड्रेस नहीं बेचे जा सकेंगे. स्कूल परिसर को शादी-विवाह परिसर के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा.