Advertisement

पूर्वांचल को रेडीमेड गारमेंट सेक्टर का हब बनाएगी योगी सरकार, केंद्र होगा गोरखपुर

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टेराकोटा के बाद रेडीमेड गारमेंट को गोरखपुर के एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना में शामिल किया है. अक्टूबर 2020 के अंत में ओडीओपी में शामिल किए जाने के बाद इस सेक्टर में उद्यमियों का रुझान तेजी से बढ़ा है. इस सेक्टर को और बढ़ावा देने के लिए मार्च माह के टाउनहॉल मैदान में रेडीमेड गारमेंट की प्रदर्शनी भी लगाई गई थी.

यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ
गजेंद्र त्रिपाठी
  • गोरखपुर,
  • 18 जून 2021,
  • अपडेटेड 7:33 AM IST
  • पूर्वांचल के रेडीमेड गारमेंट सेक्टर को पंख लग रहे
  • बाहर के उद्यमी भी रुचि दिखाने लगे हैं

गोरखपुर को एक जिला, एक उत्पाद (ODOP) में शामिल किए जाने के बाद पूर्वांचल के रेडीमेड गारमेंट सेक्टर को पंख लग रहे हैं. इस क्षेत्र में उद्यम लगाने के लिए स्थानीय उद्यमी तो उत्साहित हैं ही, अब बाहर के उद्यमी भी रुचि दिखाने लगे हैं. चैम्बर ऑफ इंडस्ट्रीज, गोरखपुर से कई बाहरी उद्यमियों ने सम्पर्क कर यूनिट लगाने की इच्छा जताई है. इसकी जानकारी चैम्बर के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम योगी को दी तो उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार गोरखपुर को केंद्र बनाकर पूर्वांचल को रेडीमेड गारमेंट सेक्टर का हब बनाने को संकल्पित है. इस बाबत सरकार की तरफ से प्रोत्साहन और धन की कमी नहीं आने देगी.

Advertisement

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टेराकोटा के बाद रेडीमेड गारमेंट को गोरखपुर के एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना में शामिल किया है. अक्टूबर 2020 के अंत में ओडीओपी में शामिल किए जाने के बाद इस सेक्टर में उद्यमियों का रुझान तेजी से बढ़ा है. इस सेक्टर को और बढ़ावा देने के लिए मार्च माह के टाउनहॉल मैदान में रेडीमेड गारमेंट की प्रदर्शनी भी लगाई गई थी. इस प्रदर्शनी में सीएम योगी खुद शामिल हुए थे और उद्यमियों की हौसलाअफजाई की थी. सीएम योगी की पहल पर रेडीमेड गारमेंट के उद्यमियों को सुनियोजित स्थान उपलब्ध कराने के लिए गीडा में फ्लैटेड फैक्ट्री का प्रोजेक्ट क्रियाशील है.

बुधवार को गोरखपुर दौरे पर आए सीएम योगी से मुलाकात कर चैम्बर ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष विष्णु प्रसाद अजित सरिया और पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल ने उन्हें बताया कि रेडीमेड यहां के गारमेंट सेक्टर में यूनिट लगाने के लिए जिले के बाहर के भी कई उद्यमी इच्छा जता रहे हैं. चैम्बर के पदाधिकारियों ने बताया कि यह रेडीमेड गारमेंट सेक्टर को ओडीओपी में शामिल करने से संभव हुआ है. बाहर से उद्यमी लगातार चैम्बर से सम्पर्क कर रहे हैं.

सीएम योगी ने चैम्बर के पदाधिकारियों को भरोसा दिलाया कि सरकार गोरखपुर को केंद्र बनाकर पूर्वी उत्तर प्रदेश को रेडीमेड गारमेंट का हब बनाने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है. यह बड़ी संख्या में रोजगार सृजन का माध्यम साबित होगा. इसके लिए जितने भी धन की आवश्यकता होगी, उपलब्ध कराया जाएगा. गीडा में फ्लैटेड फैक्ट्री की तरह गोरखनाथ क्षेत्र में स्थित इंडस्ट्रियल एरिया में भी रेडीमेड गारमेंट फ्लैटेड फैक्ट्री की चैम्बर की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्यमियों की संख्या बढ़ने पर इस पर भी विचार किया जाएगा. गीडा बोर्ड की बैठक में उद्यमियों को बुलाए जाने की मांग पर भी मुख्यमंत्री ने सकारात्मक आश्वासन दिया. 

Advertisement

एमएसएमई के जरिए 50 हजार को रोजगार देने की तैयारी
एक अनुमान के मुताबिक, गोरखपुर में 350 करोड़ रुपये की पूंजी से करीब 15000 लोगों को रेडीमेड सेक्टर में प्रोजगार मिला है. सरकार का मानना है कि इतने कम निवेश पर अन्य क्षेत्र में इतना रोजगार मिलना संभव नहीं है. इसे देखते हुए एमएसएमई के जरिए रेडीमेड गारमेंट के परंपरागत उद्यम से सरकार 50000 लोगों को रोजगार दिलाने की तैयारी में है. कोरोना की दूसरी लहर के पहले तक गोरखपुर में 500 करोड़ रुपये के रेडीमेड गारमेंट्स की खपत यहीं तैयार कपड़ों से हो रही थी. तब बाजार में 2000 करोड़ रुपये के रेडीमेड गारमेंट बाहर के उद्यमी कर रहे थे. सरकारी प्रयासों से बढ़ावा मिलने पर बाहर से होने वाली आपूर्ति यहीं के उत्पादन से हो सकेगी. 

रेडिमेड गारमेंट यूनिट लगाने पर ओडीओपी में 20 लाख तक का अनुदान
ओडीओपी के तहत रेडीमेड गारमेंट यूनिट लगाने पर सरकार 20 लाख रुपये तक का अनुदान दे रही है. यूनिट लगाने को आवेदन करने परकिसी भी राष्ट्रीयकृत या अन्य अन्य शेड्यूल्ड बैंक से लोन मिल सकता है. लोन के सापेक्ष सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन (एमएसएमई) विभाग की ओर से मार्जिन मनी की धनराशि अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जाती है. 25 लाख रुपये तक की कुल परियोजना लागत की इकाइयों के लिए कुल परियोजना लागत का 25 प्रतिशत या अधिकतम 6.25 लाख रुपये में से जो भी कम हो, मार्जिन मनी के रूप में देने की व्यवस्था है.

25 लाख से 50 लाख रुपये तक की परियोजना लागत की इकाइयों के लिए धनराशि 6.25 लाख रुपये अथवा परियोजना लागत का 20 प्रतिशत, जो भी अधिक हो, मार्जिन मनी के रूप में दी जाएगी. 50 लाख रुपये से डेढ़ करोड़ तक की परियोजना लागत की इकाइयों के लिए 10 लाख या परियोजना लागत का 10 प्रतिशत में से जो भी अधिक हो, वह मार्जिन मनी के रूप में मिलेगी. 1.5 करोड़ से अधिक की कुल परियोजना लागत की इकाइयों के लिए परियोजना लागत का 10 प्रतिशत या अधिकतम 20 लाख रुपये में से जो भी कम हो, मार्जिन मनी के रूप में दी जाएगी.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement