कमाल की अपनी उत्तर प्रदेश पुलिस और गजब की निशानची भी है. हैरानी के साथ-साथ अफसोस भी हो रहा है कि इतने जबरदस्त निशानेबाज ओलंपिक में क्यों नहीं भेजे गए? दो-चार मेडल तो मिल ही जाते. यूपी पुलिस का हर शॉट दस में दस वाला था. एक भी गोली या एक भी निशाना रत्ती भर भी दाएं बाएं नहीं हुआ. टांग-टांग और इंच-इंच नाप कर इन सातों को जिस तरह गोली मारी गई, उससे साफ है कि यूपी पुलिस किसी भी क़ीमत पर एक भी निशाना अपने निशाने से चूकना नहीं चाहती थी. शायद निशाना लेते वक़्त यूपी पुलिस भूल गई थी कि वो ओलंपिक की शूटिंग में हिस्सा नहीं ले रही बल्कि एनकाउंटर में हिस्सा ले रही है. देखें ये रिपोर्ट.
Uttar Pradesh Police is wonderful. It is surprising as well as regret that why so many great shooters were not sent to the Olympics? Every shot of the UP Police was ten on ten. Not a single bullet or even a single target was missed even by a single centimeter. Then the question is why questions are being raised on UP Police? Watch this report.