नैनीताल में जोशीमठ जैसे हालात देखने को मिल रहे हैं. नैनीताल के खुपी गांव में एक बार फिर भूस्खलन हुआ, जिसकी वजह से घरों में दरारें पड़ने लगी हैं. भूस्खलन होने से खुपी गांव में बड़ा खतरा मंडरा रहा है. नैनीताल का खुपी गांव चारों तरफ से भूस्खलन की जद में आ गया है. गांव में मंडरा रहे खतरे को देखते हुए अब स्थानीय लोग प्रशासन से खुपी गांव को विस्थापित करने या गांव में हो रहे भूस्खलन का स्थाई उपचार करने की मांग कर रहे हैं.
नैनीताल के खूपी गांव और घरों मे लगातार बड़ी-बड़ी दरारें पड़ रही हैं, जिससे गांव का अस्तित्व अब खतरे में नजर आ रहा है. इसके बावजूद भी अब तक प्रशासन का ध्यान खुपी गांव के प्रभावितों की तरफ नहीं गया. गांव में सालों से हो रहे भूस्खलन से हालात इतने बदहाल हो चले हैं कि घरों में लगातार बड़ी-बड़ी दरारें पड़ी हैं, जिसके चलते लोग अपने घरों को खाली कर विस्थापन को मजबूर हैं.
क्षेत्रीय निवासी निर्मला देवी ने बताया कि लगातार गांव में हो रहे भूस्खलन से ग्रामीणों की करीब सौ नाली भूमि अब तक भूस्खलन में समा चुकी है. गांव में हो रहे भूस्खलन से अधिकांश घरों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ने लगी है. घरों में पड़ी दरारों के चलते करीब आधा दर्जन से अधिक परिवार गांव छोड़कर दूसरे सुरक्षित स्थान पर में चले गए हैं. वहीं स्थानीय निवासी कविता ने बताया कि गांव में भूस्खलन हो रहा है गांव के सामने मंडरा रहे खतरे से निजाद दिलाने को लेकर कई बार उन्होंने सरकारी नुमाइंदों समेत राजनेताओं से फरियाद लगाई, लेकिन अब तक उनकी फरियाद किसी ने नहीं सुनी.
स्थानीय पद्मादेवी ने बताया कि मेहनत मजदूरी करके दो कमरों का घर बनाया था, जो अब भूस्खलन की जद में आ चुका है. घर में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं. इतनी मेहनत से बनाया घर आज खतरे में है लगातार प्रशासनिक अधिकारी और नेताओं से भूस्खलन से निजात दिलाने के लिए संपर्क किया लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ है.
कई दशकों से गांव में हो रहे लैंडस्लाइड से नैनीताल के अस्तित्व पर भी बड़ा खतरा मंडरा रहा है क्योंकि खूपी गांव नैनीताल की तलहटी समेत बलिया नाले से लगता हुआ है. इस गांव में लगातार भूस्खलन हो रहा है, जिससे अब नैनीताल के अस्तित्व पर भी बड़ा खतरा मंडरा रहा है. खूपी गांव के ठीक ऊपर आर्मी कैंट एरिया और आलूखेत गांव है, जिन पर सबसे ज्यादा भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है.