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उत्तराखंड के जंगलों में आग लगाते पकड़े गए 3 लोग.... सीएम की सख्ती के बाद वन विभाग ने की करवाई

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार दोपहर नैनीताल क्षेत्र में वनाग्नि से हुए नुकसान का हवाई सर्वेक्षण किया. उन्होंने कहा जंगलों में आग लगाने वाले अराजक तत्वों के विरुद्ध सख़्त कार्रवाई करने और वनाग्नि पर नियंत्रण पाने हेतु हम निरंतर कार्य कर रहे हैं. वहीं, सीएम धामी की सख्ती के बाद वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए पकड़े गए तीन लोगों पर केस दर्ज कर जेल भेज दिया.

हवाई सर्वेक्षण मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी. हवाई सर्वेक्षण मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी.
अंकित शर्मा/राहुल सिंह दरम्वाल
  • नैनीताल,
  • 27 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 10:49 PM IST

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्ती के बाद वन विभाग की सख्त कार्रवाई की है. मौके से पकड़े गए तीन लोगों पर केस दर्ज कर जेल भेज दिया. मुख्यमंत्री पुष्कर धामी लगातार वनाग्नि पर नजर बनाए हुए हैं और अधिकारियों को 24 घंटे अलर्ट रहने का निर्देश दिया है. वहीं, सीएम शनिवार दोपहर नैनीताल क्षेत्र में वनाग्नि से हुए नुकसान का हवाई सर्वेक्षण किया.

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जानकारी के मुताबिक, प्रभागीय वनाधिकारी रुद्रप्रयाग के नेतृत्व में गठित वनाग्नि सुरक्षा दल ने नरेश भट्ट को नैनीताल की जंगल में आग लगाते हुए मौके पर पकड़ा. आरोपी का कहना है कि बकरियों को नई घास उगाने के लिए जंगल में आग लगाई.

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इसके बाद वन क्षेत्राधिकारी द्वारा अपराधी को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया. साथ ही भारतीय वन अधिनियम 1927 के अन्तर्गत वन अपराध दर्ज किया गया. इसके अलावा उत्तरी जखोली के डंगवाल गांव में हेमंत सिंह और भगवती लाल को जंगल में आग लगाते हुए मौके पर पकड़कर जेल भेजा गया.


   
प्रभागीय वनाधिकारी रुद्रप्रयाग अभिमन्यु ने बताया कि जंगल में आग लगाने वाले अपराधियों के विरुद्ध वन अधिनियम की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत अपराध दर्ज कर दण्डित किया जाएगा. अपराधियों को पकड़ने के लिये प्रभाग स्तर पर वनाग्नि सुरक्षा दल गठित किया गया है. अभी तक इस वर्ष कुल 19 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 3 मुकदमें नामजद है और 16 मुकदमो में जांच चल रही है.

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वनाग्नि क्रू-स्टेशन और मोबाईल क्रू-स्टेशन के द्वारा वनाग्नि नियंत्रण किया जा रहा है. साथ ही उड़न दस्ता दल द्वारा समस्त रेंजों में सेटेलाईट, कैमरों एवं दूरबीन के माध्यम से अपराधियों को पकड़ने का कार्य किया जा रहा है. वनाग्नि रोकथाम वन विभाग के प्रयासों के साथ-साथ जन सहभागिता एवं जन भागीदारी आवश्यक है. वहीं, उत्तराखंड में वनाग्नि हर साल की समस्या बन गई, जिसकी वजह से प्रदेश में तापमान भी लगातार बढ़ रहा है. राज्य में इस साल अब तक 708 हेक्टेयर वन भूमि आग से नष्ट हो चुकी है.

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