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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की गुटबाजी जल्द होगी खत्म, प्रयागराज महाकुंभ 2025 को लेकर बड़ा फैसला

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में लंबे समय से चला आ रहा विवाद और गुटबाजी अब जल्द ही खत्म होगा. जल्द ही सभी अखाड़ा परिषदों की बैठक प्रयागराज महाकुंभ 2025 के आयोजन को लेकर बुलाई जा सकती है.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की गुटबाजी जल्द होगी खत्म अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की गुटबाजी जल्द होगी खत्म
मुदित अग्रवाल
  • हरिद्वार,
  • 01 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 9:28 AM IST

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में लंबे समय से चला आ रहा विवाद और गुटबाजी अब लगता है कि समाप्ति की ओर है. प्रयागराज महाकुंभ 2025 के आयोजन से पूर्व अखाड़ा परिषद के दोनों धड़ों के एक होने की संभावना प्रबल हो चली है. रविवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रवींद्र पुरी और महामंत्री श्री महंत हरी गिरी को श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण के पंच परमेश्वर भ्रमणशील मंडल (जमात) ने अपना समर्थन देने की घोषणा की है. साथ ही उन्होंने उम्मीद व्यक्त की है कि 2025 का महाकुंभ प्रयागराज मेला अखाड़ा परिषद संपन्न कराएगा.

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जल्द बुलाई जाएगी अखाड़ा परिषद की बैठक

श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्माण के पंच परमेश्वर भ्रमणशील मंडल जमात के श्रीमहंत महेश्वर दास, मुखिया महंत दुर्गादास, मुखिया महंत अद्वैतानंद और सर्व निर्माण मंडल की ओर से अखाड़ा परिषद के दोनों पदाधिकारी को एक पत्र सौंपा गया है. जिसमें कहा गया है कि 2025 कुम्भ मेला प्रयागराज उत्तर प्रदेश के सकुशल संपन्न कराने हेतु अखाड़े का पूरा समर्थन संत पंच परमेश्वर की ओर से करते हैं.  उम्मीद है कि अखाड़ा परिषद की बैठक शीघ्र बुलाई जाएगी.

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आपको बता दें कि 13 अखाड़ों को मिलाकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का गठन होता है और परिषद महाकुंभ मेले के समापन के लिए कार्य करता है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरी के ब्रह्मलीन होने के बाद से अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद दो फाड़ हो गया था. एक धड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी और श्रीमहंत महामंत्री हरी गिरी महाराज हैं. जबकि दूसरे धड़े के अध्यक्ष श्रीमंत रविंद्र पुरी और महामंत्री महंत राजेन्द्र दास हैं. दोनों धड़ों द्वारा बहुमत होने का दावा किया जाता रहा है.

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समर्थन मिलने के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद, हरिद्वार के अध्यक्ष श्री महंत रवींद्र पुरी महाराज का कहना है कि आज पुष्टि का दिन है. आज विशेष रूप से भगवान कृष्ण की पूजा हो रही है. मंदिरों में आपने देखा होगा सभी जगह पूजा हो रही है और भगवान की इच्छा है कि हम सभी अखाड़े एक हो जाए. ऐसे में आने वाले दो-तीन दिन में हम यह सब एक हो जाएंगे. आज बड़े अखाड़े की ओर से पहल हो गई है और आज हम आठ अखाड़ों के समर्थन से यहां आए हुए हैं. हमारा प्रयास है कि बहुत जल्दी सभी अखाड़े एक हो जाए और हम प्रयागराज का जो महाकुंभ मेला है उसको बहुत ही दिव्य और भव्य रूप से करेंगे.

कभी-कभी तकरार हो जाती है

सर्वप्रथम हमारे साथ जूना अखाड़ा है. इसके बाद क्रमश: अग्नि अखाड़ा, आह्वान अखाड़ा ,निरंजनी अखाड़ा, आनंद अखाड़ा, नया अखाड़ा और निर्मल अखाड़ा व आज बड़ा अखाड़ा है. बड़ा अखाड़ा के पंच परमेश्वर ने समर्थन दिया है और हम सब एक साथ हो गए हैं. आज हम आठ अखाड़े हो गए हैं और इससे पूर्व में आपने देखा होगा जो पूर्व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष हैं श्री महेंद्र ज्ञान दास महाराज , जिनका यह अखाड़ा है जिसके वह श्री महंत हैं. उन्होंने हमें आज से एक महीना पहले समर्थन दिया था.

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इसके लिए वह हमारे प्रयागराज में आए थे. हम सभी जल्द एक हो जाएंगे. सब हमारे भाई हैं, हमारा किसी से बैर नहीं है. हम सब संत हैं. कभी-कभी संतों के बीच में बात बिगड़ भी जाती है और एक भी हो जाते हैं. भाई-भाई में तो तकरार होता है और हम बहुत जल्दी सब एक हो जाएंगे. 

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