
भले ही गुजरे रविवार को अंकिता भंडारी के शव का दाह संस्कार हो चुका हो, लेकिन उत्तराखंड में अभी भी इस हत्याकांड को लेकर आक्रोश कम होता दिखाई नहीं दे रहा. दरअसल, लोगों को शक है कि कहीं न कहीं इस केस के आरोपियों को बचाने की कोशिश की जा रही है. अब सवाल उठ रहे हैं कि पानी से करीब 6 दिन बाद निकाले जाने के बाद भी अंकिता की डेडबॉडी फूली क्यों नहीं थी? रिजॉर्ट में अंकिता का कमरा ही क्यों तोड़ा गया?
चश्मदीद सरोजनी थपलियाल ने बताया, अंकिता की डेडबॉडी को पानी से निकालने से लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल ले जाने तक मैं साथ रही थी. मैंने देखा कि डेडबॉडी बिल्कुल फूली हुई नहीं थी जबकि 6 दिन से नहर में डूबने की बात कही जा रही है. यही नहीं, दांत भी टूटे हुए थे और सीने पर खरोंच के निशान थे. इसके अलावा अंकिता की डेडबॉडी पर घाव भी थे और बाल उखड़े हुए थे.
सरोजनी ने आगे बताया, मेरे साथ दो महिलाएं प्रमिला रावत और आरती राणा भी थीं. वो दोनों भी अंकिता की डेडबॉडी देखकर चौंक गईं. इसकी वजह यह थी कि आखिर 6 दिन से पानी में डले शव को मछलियों तक ने नहीं खाया? डेडबॉडी पर चोट के निशान कैसे आए?
उठ रहे सवाल पर सवाल
डेडबॉडी के न फूलने से अब शक पर शक पैदा होता जा रहा है. अंकिता को न्याय दिलाने के लिए सोशल मीडिया पर आवाज उठा रहे यूजर्स आशंका जता रहे हैं कि कहीं हत्या करके अंकिता की लाश नहर में तो नहीं फेंकी गई? जबकि आरोपियों ने पुलिस को बताया था कि विवाद के बाद उन्होंने अंकिता को चिल्ला नहर में धक्का दे दिया था. यानी कि कहानी इतनी सीधी नहीं लगती, जितनी बताई और दिखाई जा रही है.
इसलिए और भी बढ़ता जा रहा शक
अंकिता के आरोपियों पर धामी सरकार की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद भी लोग संतुष्ट नहीं दिख रहे. इसकी वजह बताते हुए चश्मदीद सरोजनी ने कहा कि अस्पताल में पोस्टमार्टम के दौरान डॉक्टर्स का पैनल पूरा नहीं था. मतलब महिला का पीएम करने के लिए लेडी डॉक्टर को भी होना चाहिए था, लेकिन पुरुष डॉक्टर्स की मौजूदगी में ही पूरी प्रक्रिया की गई. इसीलिए चश्मदीदों के साथ साथ अन्य लोगों को इस पूरी कार्यवाही पर संदेह बना हुआ है. देखें Video:-
अंकिता की प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी हत्या से पहले उसे चोट पहुंचाए जाने की बात कही गई है. हालांकि, पीएम रिपोर्ट में उसकी मौत का कारण पानी में डूबना बताया गया है. इससे पहले, अंकिता के परिवारवालों ने अंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट न आने और उसे सार्वजनिक न किए जाने तक उसकी अंत्येष्टि से इंकार किया था.
सिर्फ अंकिता के रूम को क्यों तोड़ा?
दूसरी एक और शक संदेह की वजह यह है कि कार्रवाई के नाम पर रिजॉर्ट में सिर्फ अंकिता के कमरे को ही क्यों तोड़ा गया? और वो भी रातों रात. पता हो कि रिसेप्शनिस्ट अंकिता को रिजॉर्ट में एक रूम रहने के लिए दिया गया था. जब उसकी हत्या के बाद सरकार को घेरा गया तो आनन फानन में बुलडोजर से रिजॉर्ट के गेट समेत अंकिता का रूम तोड़फोड़ दिया गया. अब विपक्षी नेताओं समेत सोशल मीडिया यूजर्स सबूत नष्ट करने की बात कह रहे हैं. 'रिजॉर्ट गिराने में जल्दबाजी की' , अब उत्तराखंड के पूर्व DGP ने उठाए सवाल
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर स्थित गंगा भोगपुर में वनंतारा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट 19 साल की अंकिता का शव शनिवार यानी 24 सितंबर को ऋषिकेश के नजदीक चिल्ला नहर से बरामद किया गया था.
पुलिस ने इस मामले में एक दिन पहले ही (23 सितंबर) को तीन आरोपियों-रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और असिस्टेंट मैनेजर अंकित गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया था. गिरफ्तार आरोपियों ने उसे नहर में धकेलकर हत्या करने की बात स्वीकार की थी.