
उत्तराखंड का कैंची धाम देश ही नहीं, बल्कि दुनिया में मशहूर है. बड़े-बड़े लोग बाबा नीम करौली के भक्त रहे हैं, फिर चाहे एप्पल के मालिक स्टीव जॉब्स या फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग हों. बाबा नीम करौली के दरबार के प्रति अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा भी श्रद्धा रखते हैं.
कहा जाता है कि एप्पल फोन का लोगो भी बाबा नीम करौली की ही देन है. जब प्रसाद के रूप में अपना खाया हुआ सेब बाबा ने एप्पल के संस्थापक को दिया, तो उसी को उन्होंने अपना लोगो बनाकर पूरी दुनिया में पहचान बनाई.
25 सितंबर 2015 को प्रधानमंत्री मोदी संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा पर थे, तब मार्क इलियट जुकरबर्ग ने उनसे भारत के एक मंदिर के बारे में पूछा था, जहां उनके गुरु ने उन्हें जाने की सलाह दी थी.
2007 में मार्क जुकरबर्ग कैंची धाम भी आए थे. यहां बिताए समय के बाद जब जुकरबर्ग वापस गए तो उन्होंने सफलता की नई ऊंचाइयों को छुआ. उनके द्वारा स्थापित फेसबुक को पूरी दुनिया में एक नई पहचान मिली. स्टीव जॉब्स भी नवंबर 1973 में कैंची धाम आए थे, जहां आकर उन्हें सर्वव्यापी अनुभव की अनुभूति हुई थी.
कैंची धाम के स्थापना दिवस पर बाबा नीम करौली के आश्रम में इस बार लाखों की संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं. कैंची धाम नैनीताल से 19 किलोमीटर दूर शिप्रा नदी के तट पर स्थित है. बाबा नीम करौली का ये धाम लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है. बाबा के भीतर देवभूमि के लिए बेहद प्रेम था. साल 1942 में कैंची गांव का उन्होंने पहली बार भ्रमण किया था.
कहा जा रहा है कि ब्रिटिश शासन के दौरान एक बार जब नीब करौरी नामक स्थान पर बाबा की ट्रेन रुकी थी, तब रेलवे कर्मी ने उन्हें प्रथम श्रेणी के डिब्बे से निकाल दिया था. इसके बाद बिना किसी खराबी के भी ट्रेन 2 घंटे तक वहां से चल नहीं सकी थी. ट्रेन का इंजन तो चालू था, लेकिन व्हील नहीं चल रहे थे. इसके बाद अधिकारियों को बाबा ने अपना टिकट दिखाया, जिससे असहज होकर उन्होंने तुरंत बाबा को पुनः ट्रेन में बैठने का आग्रह किया. इसके बाद बाबा के बैठते ही ट्रेन चलने लगी थी, जिसे देख सभी आश्चर्यचकित हो गए थे.
उत्तराखंड में नैनीताल के कैंची धाम मंदिर में आज स्थापना दिवस मनाया जा रहा है. भक्तों की आस्था के चलते लगी भीड़ ने शुरू में तो पुलिस और प्रशासन की व्यवस्था भंग कर दी, लेकिन धीरे-धीरे चीजें व्यवस्थित होती गईं.
पुलिस के अनुसार, इस वर्ष रिकॉर्ड दो लाख लोग मंदिर के दर्शन करने वाले है. बाबा नीब करौली महाराज ने मंदिर में भंडारे की शुरुआत कराई थी. नैनीताल शहर से 19 किलोमीटर दूर शिप्रा नदी से लगी वैली में बसे कैंची धाम में वर्ष 1965 से भंडारा होता आ रहा है.