
लोकसभा चुनाव में दूसरी बड़ी जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 करोड़ मुस्लिम छात्रों को वजीफा देने की बात कही थी. अब इसको अमल में लाने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया गया है.
उत्तराखंड सरकार ने इसकी शुरुआत कर दी है. उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष पद पर बिलाल-उर-रहमान को नियुक्त किया गया है. बिलाल-उर-रहमान राष्ट्रीय मुस्लिम मंच उत्तराखंड के अध्यक्ष भी हैं. साथ ही वो संघ के सबसे भरोसेमंद और नजदीकी भी माने जाते हैं.
एक हाथ में कुरान एक में कंप्यूटर
एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में कंप्यूटर वाली प्रधानमंत्री की सोच को मूर्त रूप देने की जिम्मेदारी अब बिलाल-उर-रहमान निभाएंगे. प्रधानमंत्री मोदी के मदरसों को आधुनिक बनाने के सपनों को पूरा करने का जिम्मा सबसे पहले उत्तराखंड सरकार ने उठाया है.
बिलाल उर रहमान का कहना है कि हम मदरसों में आधुनिक शिक्षा व धार्मिक शिक्षा का तालमेल बैठाएंगे, ताकि मदरसों के बच्चे कुरान के साथ इंग्लिश, साइंस, कंप्यूटर और गणित भी पढ़ें और देश के मुख्य धारा में आम बच्चों के साथ उन्हें भी समान अवसर मिले सकें.
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बिलाल-उर-रहमान को शुभकामनाएं देते हुए विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री के सपनों को पूरा करने में बिलाल तेजी से काम करेंगे. मुस्लिम समुदाय में बिलाल-उर-रहमान को राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने पर खुशी का माहौल है.
आधुनिक सोच-समझ रखते हैं बिलाल-उर-रहमान
इसके साथ ही मदरसों के इमाम भी उनसे बेहतरी की उम्मीद कर रहे हैं. मदरसों के आधुनिकीकरण की जिम्मेदारी बिलाल इसलिए भी बहुत अच्छी तरह निभा पाएंगे क्योंकि वो आधुनिक सोच-समझ रखने वाले पढ़े-लिखे परिवार से हैं.
बिलाल स्वयं अलीगढ़ मुस्लिम यीनिवर्सिटी, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और फोर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से उच्च शिक्षा प्राप्त हैं. इसके साथ ही सामाजिक कार्यों में भी उन्होंने महत्तवपूर्ण योगदान दिया है. बिलाल की मां दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रही हैं और पद्मश्री से सम्मानित भी हैं.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पार्टी की प्रचंड जीत के बाद 'सर्वमत और विश्वास बहाली' का संदेश दिया था जिसमें समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने की बात कही थी. इसके तहत केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यकों को लेकर कई योजनाएं बनाई हैं. इसमें अगले 5 साल में अल्पसंख्यक वर्ग के 5 करोड़ छात्रों को प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना का लाभ देने, 25 लाख युवाओं को टेक्निकल ट्रेनिंग देकर रोजगार में सक्षम बनाए जाने की योजना शामिल है.