
सियासत में आजकल फोन की भूमिका बढ़ गई है. उत्तराखंड की सियासत में भी फोन बड़ी भूमिका में नजर आ रहा है और इस फोन की राजनीति के केंद्र में हैं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत.
कभी हरीश रावत का हरक सिंह रावत को फोन करना सुर्खियां बन रहा है तो कभी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का हरक सिंह रावत को फोन करना. हरक सिंह रावत और हरीश रावत के बीच कम बढ़ती नजदीकियों ने बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.
दरअसल, कुछ दिन पहले हरीश रावत ने हरक सिंह रावत को फोन किया था. हरीश रावत ने हरक को अपना भाई बताया था जिसके बाद दोनों नेताओं के बीच खाई खत्म होने के कयास लगाए जाने लगे थे. आंदोलनरत संगठन की मांगों को लेकर भी हरक और हरीश में बात हुई जिससे दोनों नेताओं के बीच मतभेद कम होने और हरक की कांग्रेस में वापसी की चर्चा को भी बल मिल गया है.
हरक सिंह रावत और हरीश रावत के बीच बढ़ रही नजदीकियां कहीं न कहीं भाजपा के लिए परेशानी का सबब बन रही हैं. चुनाव से पहले पार्टी में टूट रोकने के लिए बीजेपी भी एक्टिव मोड में आ गई है.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने भी हरक सिंह रावत से फोन पर बात की और उन्हें ब्रेकफास्ट पर आमंत्रित किया है. हरक सिंह रावत के कांग्रेस में जाने की अटकलों के बीच मदन कौशिक ने उन्हें अपने आवास पर आमंत्रित किया है. इसे पार्टी की ओर से टूट रोकने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.
हालांकि, हरक सिंह रावत ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के साथ इस मुलाकात को सामान्य मुलाकात करार दिया है. बता दें कि में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राज्य में सियासी पारा लगातार बढ़ता जा रहा है. हरीश रावत से बढ़ती नजदीकियों के बीच सियासी गलियारों में चर्चा है कि हरक कांग्रेस में घर वापसी कर सकते हैं.