Advertisement

उत्तराखंड: अब जोशीमठ-बद्रीनाथ हाईवे पर दिखीं दरारें, 5 जगहों पर धंसी जमीन

जोशीमठ-बद्रीनाथ हाईवे पर BRO को नई दरारें नजर आई हैं. हाईवे के पांच स्थानों पर ये दरारें देखी गई हैं. दरार वाली जगहों पर BRO की टीम ने रेगुलर मेंटेनेंस कर दिया है. हाल ही में ब्रद्रीनाथ हाईवे के पास स्थित ITI क्षेत्र के बहुगुणा नगर और सब्जी मंडी के ऊपरी हिस्सों में भी दरारें दिखने की बात सामने आई थी.

जोशीमठ-बद्रीनाथ हाईवे पर दरारों का निरीक्षण करती बीआरओ की टीम. जोशीमठ-बद्रीनाथ हाईवे पर दरारों का निरीक्षण करती बीआरओ की टीम.
अंकित शर्मा
  • देहरादून,
  • 21 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 12:30 PM IST

जोशीमठ में जमीन धंसने और मकानों की दीवारें दरकने के बाद अब जोशीमठ-बद्रीनाथ हाईवे पर दरारें देखी गई हैं. हाईवे के पांच स्थानों पर ये दरारें देखी गई हैं. नई दरारें दिखने के बाद बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) ने इसकी सूचना जारी की है. दरार वाली जगहों पर BRO की टीम ने रेगुलर मेंटेनेंस कर दिया है.

जोशीमठ एसडीएम कुमकुम जोशी ने बताया कि ये दरारें पिछले साल भी निकली थीं और हमने मरम्मत का काम किया था. गड्ढे 4 मीटर गहरे थे, जिन्हें भर दिया गया है. दरारों की जांच के लिए सर्वेक्षण किया जा रहा है.
 
जोशीमठ सहित उत्तराखंड के अलग-अलग इलाकों में जमीन दरकने के कई मामले सामने आ चुके हैं. इसकी शुरुआत जोशीमठ से हुई थी, जिसके बाद कर्णप्रयाग में भी इस तरह की घटनाएं देखी गई थीं. हाल ही में ब्रद्रीनाथ हाईवे के पास स्थित ITI क्षेत्र के बहुगुणा नगर और सब्जी मंडी के ऊपरी हिस्सों में भी दरारें दिखने की बात सामने आई थी. इसके बाद एक टीम निरीक्षण के लिए पहुंची थी, जिसे 25 घरों में बड़ी-बड़ी दरारें मिली थीं. इनमें से 8 घरों को बेहद खतरनाक घोषित किया गया था, जिसमें रहने वाले लोगों से मकान खाली करा लिए गए थे.

Advertisement

हाल ही में कर्णप्रयाग के मरोडा गांव में भी कई मकानों में दरारें देखी गई थीं. घरों में इस तरह की दरारें पड़ी थीं कि जैसे इस दीवार पर बिजली गिर गई हो. इसके अलावा घरों की नींव भी खिसक रही थी. बता दें कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर के रामबन और डोडा में स्थित घरों में भी दरारें देखी गई थीं.

जमीन दरकने की घटनाएं सामने आने के बाद बेघर हुए लोगों के लिए सरकार सेटमेंट प्लान लाई थी. इसके तहत लोगों को 3 ऑप्शन सुझाए गए थे. प्लान में यह भी कहा गया था कि किसी भी विकल्प को अपनाने और सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए लोगों को अपने घर की रजिस्ट्री सरकार के नाम पर करनी होगी.

चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने जोशीमठ में विस्थापितों के लिए तीन विकल्प सुझाए थे. खुराना जोशीमठ के लिए समझौता स्कीम पर काम कर रही कमेटी के प्रमुख हैं. उन्होंने कहा था कि पहला विकल्प प्रभावित भूमि या भवन मालिकों को एकमुश्त वित्तीय सहायता देने का है. उन्होंने कहा था कि मकान या भूमि क्षतिग्रस्त होने पर तय मानदंड के मुताबिक एकमुश्त मुआवजा दिया जाएगा. इसका लाभ लेने के लिए भुगतान से पहले पीड़ित को जमीन  या मकान की रजिस्ट्री सरकार के नाम पर करनी होगी.

Advertisement

दूसरे विकल्प के तहत पीड़ित व्यक्ति को अधिकतम 100 वर्ग मीटर क्षेत्रफल तक जमीन घर बनाने के लिए दी जाएगी. वहीं, घर को हुए नुकसान के लिए मुआवजा अलग से दिया जाएगा. जिन लोगों की जमीन 100 वर्ग मीटर से ज्यादा है, उन्हें शेष भूमि के बदले भुगतान नियमों के मुताबिक किया जाएगा. इसमें भी रजिस्ट्री पहले ही सरकार के नाम पर करनी होगी.

तीसरे विकल्प के तहत प्रभावितों के पुनर्वास के लिए चिन्हित स्थान पर अधिकतम 75 वर्ग मीटर क्षेत्रफल तक की भूमि पर भवन का निर्माण किया जाएगा. अगर प्रभावित शख्स के घर या जमीन की कीमत दी जा रही जमीन या मकान से ज्यादा है तो बाकी पैसों का भुगतान भी किया जायेगा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement