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उत्तराखंड: केंद्र सरकार को बड़ा झटका, नैनीताल हाई कोर्ट ने खारिज की अपील

उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने के मामले में केंद्र सरकार ने नैनीताल हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. हलफनामे में केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाना सही ठहराया है. राष्ट्रपति शासन के पीछे ये हैं केंद्र सरकार के तर्क.

नैनीताल हाईकोर्ट नैनीताल हाईकोर्ट
सबा नाज़
  • नैनीताल,
  • 06 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 1:49 PM IST

उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन के खिलाफ दायर कांग्रेस की याचिका करने वाली केंद्र सरकार की अपील को नैनीताल हाई कोर्ट ने बुधवार को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि वह तब तक बजट को लेकर कोई बात नहीं सुनेगा जब तक केंद्र की ओर से जवाब दाखिल नहीं कर दिया जाता.

कांग्रेस की ओर से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में दलील दी कि राज्यपाल तय नहीं कर सकते कि विधेयक कैसे पारित हो.

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केंद्र सरकार ने दिया हलफनामा
उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने के मामले में केंद्र सरकार ने नैनीताल हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. हलफनामे में केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाना सही ठहराया है. राष्ट्रपति शासन के पीछे ये हैं केंद्र सरकार के तर्क.

1. केंद्र ने तर्क दिया कि राज्य में संवैधानिक मशीनरी फेल हो चुकी थी.

2. फेल बजट बिल को पास किए जाने की घोषणा करके स्पीकर ने अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल किया.

3. सदस्यों की मांग के बावजूद स्पीकर ने डिविजन ऑफ वोट्स करने की अनुमति नहीं दी.

4. सही मायनों में सरकार उसी दिन गिर गई थी जब बजट बिल पास नहीं हुआ था.

5. राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश हुई.

6. 27 मार्च को हुए स्टिंग ऑपरेशन से राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त का खुलासा हुआ.

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7. 18 मार्च से ही राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की स्थिति पैदा हो गई थी.

8. राज्यपाल के निर्देशानुसार राज्य में फ्लोर टेस्ट की बात तब आधारहीन हो गई जब उत्तराखंड में 27 मार्च को राष्ट्रपति शासन लागू हुआ.

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