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शिवराज के बाद अब इस राज्य के सीएम ने बच्चों से जोड़ा नाता, कहा- हर बच्चे का मामा हूं

शिवराज खुद को पूरे मध्य प्रदेश के बच्चों का मामा बताते हैं. लोगों से भावनात्मक रूप से जुड़ने की इस 'शिवराज टेक्निक' का इस्तेमाल अब एक अन्य राज्य के मुख्यमंत्री ने भी शुरू कर दिया है.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (फाइल फोटो) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (फाइल फोटो)
दिलीप सिंह राठौड़
  • देहरादून,
  • 02 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 9:27 PM IST
  • उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जोड़ा मामा का नाता
  • सीएम धामी ने किया मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का शुभारंभ

किसी राजनेता के लिए 'मामा' शब्द का जिक्र आते ही जेहन में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम आता है. शिवराज खुद को पूरे मध्य प्रदेश के बच्चों का मामा बताते हैं. लोगों से भावनात्मक रूप से जुड़ने की इस 'शिवराज टेक्निक' का इस्तेमाल अब एक अन्य राज्य के मुख्यमंत्री ने भी शुरू कर दिया है. शिवराज के बाद अब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि हर बच्चे का मामा हूं.

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को कोरोना काल में बेसहारा हुए बच्चों के लिए मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का विधिवत शुभारंभ किया. मुख्यमंत्री आवास के जनता दर्शन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने योजना के तहत चयनित 2347 बच्चों के बैंक खाते में तीन-तीन हजार रुपये की सहायता राशि ट्रांसफर किया.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इन बच्चों का मामा की तरह ध्यान रखेंगे. कोरोना काल में जिन बच्चों की आंखों में आंसू आए हैं, उनके चेहरों पर मुस्कान लाने का प्रयास कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कोरोना काल में बच्चों के माता-पिता, संरक्षक के चले जाने से उत्पन्न शून्य की भरपाई करना मुमकिन नहीं है लेकिन राज्य सरकार एक अभिभावक की तरह इनका हमेशा ध्यान रखेगी. उन्होंने कहा कि जिलों में जिलाधिकारी इन बच्चों के सह अभिभावक के रूप में काम करेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि भाव में ही भगवान होते हैं. हमारा इन बच्चों के प्रति स्नेह, प्रेम और उत्तरदायित्व का भाव है. हम सभी इन बच्चों के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, पूरे मनोयोग से करें. इनकी सहायता से पुण्य प्राप्त होगा.

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बच्चों को न पड़े इस योजना की जरूरत

उत्तराखंड के सीएम ने कहा कि यह पहली योजना होगी जिसमें हम चाहते हैं कि योजना के लाभार्थी बच्चों की संख्या इतनी ही बनी रहे और किसी बच्चे को इसकी जरूरत न पड़े. फिर भी हम इनकी पूरी देखभाल करेंगे. ये बच्चे प्रदेश की पहचान बनेंगे. अपने-अपने क्षेत्र में वे लीडर बनेंगे. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत बच्चों को हर महीने तीन-तीन हजार रुपये की सहायता राशि दी जा रही है. साथ ही मुफ्त राशन और शिक्षा की व्यवस्था भी की जा रही है. जिलों के डीएम इन बच्चों की सम्पत्ति का संरक्षण भी करेंगे.

नौकरी में पांच फीसदी आरक्षण

सीएम ने कहा कि उत्तराखंड, अनाथ बच्चों के लिए नौकरियों में पांच फीसदी क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था करने वाला भी पहला राज्य है. सरकार इन बच्चों के कौशल विकास पर भी ध्यान देगी. वहीं, इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना सरकार के मानवीय चेहरे को दर्शाती है. कोरोना ने हमसे बहुत कुछ छीना है. हर किसी ने किसी अपने को खोया है. हमें इस दर्द से संघर्ष करके आगे बढ़ना है. कोरोना काल में अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों की पीड़ा को मुख्यमंत्री और राज्य सरकार ने समझा है.

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बच्चों को सशक्त बनाएगी ये योजना

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना अंत्योदय की परिकल्पना को साकार करती है. ये योजना बच्चों को सामाजिक, आर्थिक और मानसिक तौर पर सशक्त करेगी. सरकार इनके अभिभावक की भूमिका का निर्वाह कर रही है. रेखा आर्या ने इस योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी दी और कहा कि बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए सभी जिलाधिकारियों को प्रभावित बच्चों की देखभाल, पुर्नवास, चल-अचल सम्पत्ति, उत्तराधिकार और अन्य विधिक अधिकारों की रक्षा के लिए संरक्षक अधिकारी नामित किया गया है.

 

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