
कोरोना संकट के बीच हरिद्वार में कुंभ कराने पर तीरथ रावत सरकार अड़ी रही. खुद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने तर्क दिया था कि मां गंगा की कृपा से कुंभ में कोरोना नहीं फैलेगा, जिसे लेकर सरकार की किरकिरी भी हुई थी.
इस घटना से सबक लेते हुए कि तीरथ रावत सरकार अब चारधाम यात्रा को शुरू करने में किसी तरह की जल्दबाजी के मूड में नहीं है. सीएम तीरथ रावत से लेकर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने साफ कहा है कि कोरोना नियंत्रण की बाद ही सरकार बदरीनाथ और केदारनाथ सहित चार धाम की यात्रा को शुरू करने पर विचार करेगी.
कोरोना नियंत्रण के बाद यात्रा शुरू होगी
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि सरकार का पहला फोकस कोरोना संक्रमण को नियंत्रण करने पर है. उन्होंने कहा कि चारों धामों के कपाट तय समय पर ही खोले गए हैं, लेकिन हालात सामान्य होने के बाद ही यात्रा शुरू की जाएगी. तीरथ ने कहा कि देश में कोरोना के हालत अभी ठीक नहीं है, इसलिए यात्रा को अभी शुरू करना उचित नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि देश-विदेश से भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने को उत्तराखंड आते हैं. ऐसे में कोरोना संक्रमण बढ़ने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है. तीरथ सिंह रावत कहा कि कोरोना के हालात सामान्य होते ही सरकार धामों में रहने वाले साधु-संतों को दर्शन की सशर्त अनुमति देने पर विचार कर सकती है.
वहीं, उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि कोरोना से हालात सामान्य होने पर ही चारधाम यात्रा शुरू की जाएगी. इसके लिए उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग जिले से सबसे पहले स्थानीय लोगों के लिए दर्शन करने की अनुमति दी जाएगी, जिसकी तैयारी चल रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण धीरे-धीरे कम हो रहा और हालात सामान्य होते ही हम यात्रा की दिशा में कदम उठाएंगे.
चारो धाम के कपाट मई में ही खुल गए हैं
बता दें कि उत्तरकाशी जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट 15 मई को खुल गए हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति नहीं दी गई है. वहीं, विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई को भक्तों के लिए खोल दिए गए हैं. ऐसे ही गढवाल हिमालय में स्थित विश्वप्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए 18 मई को खोला गया है जबकि, यमुनोत्री धाम के कपाट 14 मई को भी खोल दिए गए हैं. चारधामों के कपाट हर साल सर्दियों के आहट के साथ अक्टूबर-नवंबर में बंद कर दिए जाते हैं और फिर अगले साल अप्रैल-मई में खोल दिए जाते हैं.
दस दिनों से दो साधू अनशन पर बैठे
वहीं, कोरोना संकट के चलते वर्तमान में रावल, पुजारी, हकहकूकधारियों के अलावा किसी भी श्रद्धालुओं, यात्रियों सहित किसी को भी चारधाम यात्रा की अनुमति नहीं है. बदरीनाथ मंदिर में भगवान के दर्शन की अनुमति नहीं मिलने से नाराज मौनी बाबा और धर्मराज भारती ने बीती 23 मई से भोजन त्यागकर अनशन शुरू किया था और बाद में दर्शन की अनुमति न मिलने पर जल भी त्याग दिया था.
वहीं, सतपाल महाराज कहा कि बदरीनाथ धाम में अनशन कर रहे मौनी बाबा व बाबा धर्मवीर भारती ने बुधवार सुबह अपना आमरण अनशन समाप्त कर दिया है. हालांकि, अनशनकारी मौनी बाबा ने कहा कि उनका अनशन जारी है. इस संबंध में सतपाल महाराज की ओर से उनके साथ कोई वार्ता नहीं हुई है. बदरीनाथ मंदिर परिसर में भगवान जी का चरणामृत प्रसाद ग्रहण किया गया, जिससे अनशन नहीं टूटता है. इसके बाद फिर पूर्व की तरह अनशन जारी रखा है. दोनों साधुओं को अनशन करते हुए दस दिन हो चुके हैं.