
चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद से ही केदारनाथ और बद्रनाथ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है और पिछला हर रिकॉर्ड टूट गया है. हालांकि इस दौरान अभी तक चारधाम की यात्रा पर जाने वाले 59 श्रद्धालुओं की मौत भी हो चुकी है.
चारधाम यात्रा पर जाने के क्रम में अभी तक केदारनाथ में 28, बद्रीनाथ में 11, यमुनोत्री में 16 और गंगोत्री में 04 लोग जान गंवा चुके हैं. इसमें हैरानी की बात ये है कि 57 लोगों की मौत सिर्फ हार्ट अटैक से हुई है. पहाड़ों पर ज्यादा ठंड और ऊंचाई होने की वजह से कई लोगों को सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
चारधाम यात्रा में चार जगहों की यात्रा की जाती है. गंगोत्री (Gangotri), यमुनोत्री (Yamunotri), बद्रीनाथ (Badrinath) और केदारनाथ (Kedarnath). भागीरथी नदी के पास स्थित गंगोत्री की ऊंचाई समुद्र तल से 3100 मीटर है. यमुना नदी का उद्गम स्थल यमुनोत्री 3293 मीटर की ऊंचाई पर है. बद्रीनाथ की ऊंचाई 3300 मीटर है. जबकि, केदारनाथ की ऊंचाई 3583 मीटर है.
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डॉक्टरों के मुताबिक पहाड़ पर पला-बढ़ा व्यक्ति और मैदानी इलाकों के इंसान की शारीरिक क्षमता में अंतर होता है. ऊंचाई पर हवा पतली होती है. ऑक्सीजन की कमी होती है इसलिए मैदानी हिस्से में रहने वाले लोगों को पहाड़ पर सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
1 जून तक रजिस्ट्रेशन फुल
बता दें कि केदारनाथ और बद्रीनाथ में श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अब प्रशासन की तरफ से पहले से रजिस्ट्रेशन करवाने वाले यात्रियों को ही आगे जाने की अनुमति दी जा रही है. श्रद्धालुओं का पंजीकरण 1 जून तक पूरी तरह फुल हो चुका है और बिना रजिस्ट्रेशन कराए हुए यात्री जहां तहां फंसे हुए हैं.
तमाम लोग जो यात्रा पर जाना चाहते हैं वो मजबूरन ऋषिकेश या आसपास के क्षेत्रों में ही इंतज़ार करने के लिए मजबूर हैं. बहुत से यात्री ऐसे हैं जिनका बद्रीनाथ धाम का पंजीकरण हो चुका है पर केदारनाथ का नहीं हो पाया जिसकी वजह से वो यात्रा करने में असमर्थ हैं.
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