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उत्तराखंड: बारिश, बाढ़ और लैंड स्लाइड से मरने वालों की संख्या 20 हुई, लापता लोगों की तलाश जारी

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ और चमोली जिलों में लगातार बारिश के कारण चार दिन पहले बादल फटने और भूस्खलन से आए भारी मलबे से दो और शव बरामद हुए हैं. इसके बाद प्राकृतिक आपदा में मरने वालों का आंकड़ा मंगलवार को 20 हो गया.

भूस्खलन भूस्खलन
केशव कुमार/BHASHA
  • देहरादून,
  • 05 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 10:44 AM IST

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ और चमोली जिलों में लगातार बारिश के कारण चार दिन पहले बादल फटने और भूस्खलन से आए भारी मलबे से दो और शव बरामद हुए हैं. इसके बाद प्राकृतिक आपदा में मरने वालों का आंकड़ा मंगलवार को 20 हो गया. वहीं लापता बताए जा रहे करीब एक दर्जन लोगों को ढूंढ़ने के लिये सेना, अर्धसैनिक बल और राज्य पुलिस की मदद से चलाया जा रहा तलाशी अभियान फिलहाल जारी है.

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मरनेवालों की संख्या बढ़कर 20 हुई
उत्तराखंड राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, 30 जून और एक जुलाई की देर रात आसमान से बरसी आफत से पिथौरागढ़ के सर्वाधिक प्रभावित डीडीहाट तहसील के बस्तेडी गांव से सोमवार को दो और शव बरामद हुए. इसके बाद जिले में मरने वालों की संख्या 17 हो गई. चमोली जिले की घाट और चमोली तहसील में भारी बारिश के साथ बहे तीन लोगों की मौत को मिलाकर इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों का आंकड़ा अब तक 20 हो गया है.

पिथौरागढ़ और चमोली में 12 लोग लापता
राज्य के विभिन्न हिस्सों में पिछले चार दिन से रुक-रुक कर हो रही बारिश के बीच पिथौरागढ़ और चमोली के आपदा प्रभावित इलाकों से लापता 12 लोगों को ढूंढ़ने के लिए मलबा हटाने का काम जारी है.

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लापता लोगों की तलाश जारी
अपर सचिव, आपदा प्रबंधन सी रविशंकर ने बताया कि लापता लोगों की तलाश के लिए चलाया जा रहा अभियान फिलहाल जारी है. इसे जारी रखने की अवधि के बारे में फैसला जिलास्तरीय अधिकारियों की ओर से ही लिया जाएगा. पिथौरागढ़ जिले के बस्तेडी, नौलेडा, रिगोलिया, नाचनी और चर्मा में भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं में छह लोग घायल भी हुए हैं. जिनका इलाज किया जा रहा है.

बारिश से गांवों में बिजली, पानी और संचार बाधित
इन सभी प्रभावित गांवों में बुरी तरह बाधित हुई बिजली, जल आपूर्ति और संचार सेवा को बहाल करने की कोशिश की जा रही है. चमोली जिले के गौली, वादुक, जाखणी, सिरजी में तेज बारिश के बाद बाढ़ आने और भूस्खलन की घटनाओं में जानमाल की हानि के अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई सड़कें भी प्रभावित हुई हैं.

ऋषिकेश-बद्रीनाथ-केदारनाथ हाईवे बंद
दो दिन पहले बाजपुर के पास मलबा आने के कारण बंद हुआ ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग अभी भी यातायात के लिए बंद है. इसे खोले जाने की कोशिश की जा रही है. ऋषिकेश-केदानाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी रुद्रप्रयाग जिले में सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच रुका हुआ है. इसे भी खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं.

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