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कौन हैं धन सिंह रावत? जो बन सकते हैं उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री!

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंप दिया है, उनके बाद कई लोगों के मुख्यमंत्री बनने के कयास लगाए जा रहे हैं जिनमें से एक प्रमुख नाम हैं धन सिंह रावत.

धन सिंह रावत (फाइल फोटो) धन सिंह रावत (फाइल फोटो)
दिलीप सिंह राठौड़
  • देहरादून ,
  • 10 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 8:07 AM IST
  • उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री हैं धन सिंह रावत
  • त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद CM बनने के चांसेज
  • आरएसएस और ABVP में भी किया है काम

साल 2022 में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव होने हैं. अपने पांच साल पूरे करने से पहले ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. ऐसे में भाजपा के कुछ बड़े चेहरों को लेकर अनुमान लगाया जा रहा है, जिनमें से किसी एक को राज्य का नया मुख्यमंत्री चुना जा सकता है. उन्हीं नामों में से एक प्रमुख नाम है धन सिंह रावत. सूत्रों के मुताबिक धन सिंह रावत उत्तराखंड के अगले सीएम हो सकते हैं.

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उत्तराखंड राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत अपने कार्य करने की शैली के प्रसिद्द हैं. इनका जन्म 7 अक्टूबर, 1971 के दिन गढ़वाल जिले के नौगांव नामक गांव में हुआ था. कम उम्र में ही धन सिंह रावत का झुकाव समाज सेवा की ओर होने लगा था. साल 1989 में ही धन सिंह रावत ने स्वयंसेवक के रूप में आरएसएस ज्वाइन की थी. अपनी जवानी के दिनों में धन सिंह ने छुआछूत व्यवस्था, बाल विवाह और शराब के खिलाफ अभियान चलाया था. राम जन्मभूमि मूवमेंट के दौरान भी धन सिंह ने सक्रिय रूप से भाग लिया था. इसके लिए उन्हें जेल भी हुई थी.

उत्तराखंड राज्य निर्माण के लिए चलाए गए आंदोलन में भी उन्होंने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. इस दौरान उन्हें दो बार जेल भी हुई थी. धन सिंह रावत ने अलग उत्तराखंड राज्य के लिए 59 दिनों की पदयात्रा भी की थी. नक्सलवाद के खिलाफ भी धन सिंह ने धारचूला से टनकपुर तक के लिए 39 दिन की यात्रा निकाली थी.

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अपने छात्र जीवन में ABVP के सदस्य रहते हुए रावत ने 100 कॉलेज में 100 पेड़ लगाए थे, उत्तरकाशी और चमोली में भूकंप आने के बाद उन्होंने भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में 60 दिन गुजारे थे और इस दौरान लोगों की मदद की थी. रावत ने इतिहास विषय में MA किया है और राजनीति विज्ञान में पीएचडी की है. उन्होंने कई किताबें भी लिखी हैं जैसे- पदयात्रा, पंचायती राज: एक अध्ययन, पंच केदार, पंच बद्री और पंच प्रयाग.

अपने नाम के पीछे की कहानी के बारे में एक इवेंट में बताते हुए धन सिंह रावत ने बताया कि उनका नाम धन इसलिए पड़ा क्योंकि उनके पिता ने उनकी मां को 50 रुपए का मनी ऑर्डर भेजा था. जो इत्तेफाक से उनकी मां को उसी दिन प्राप्त हुआ था जिस दिन उनका जन्म हुआ था. इसलिए उनका नाम मनी के हिंदी शब्द 'धन' पर पड़ गया.

 

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