
उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है. ताजा मामला अल्मोड़ा के जिला अस्पताल का है. जहां रात में बीमार होने पर अस्पताल पहुंच रहे मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ करने का मामला सामने आया है. सरकारी अस्पताल में आधी रात को इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर शराब के नशे में धुत पाए गए. यह देखकर परिजन नाराज हो गए और बिना इलाज के ही वहां से मरीज को लेकर लौट गए. अब मामला सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रही है.
जिला अस्पताल में मंगलवार की रात को करीब डेढ़ बजे आपातकालीन स्थिति में बलवंत लाल अपने पांच साल के बेटे आरुष कुमार को लेकर पहुंचे. बच्चे को 103 डिग्री बुखार था. वो लोग इमरजेंसी में मरीज को उपचार करवाने ले गए तो वहां तैनात डाक्टर नशे में धुत मिला.
ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर की जुबान लडखड़ा रही थी और वह इतने नशे में था कि पर्ची पर दवाइयां भी नहीं लिख पा रहा था. इस पर जब मरीज के परिजनों ने नाराजगी जाहिर की तो डॉक्टर ने धमकाते हुए कहा कि जो करना है कर लो.
नशे में धुत डाक्टर को देखकर परिजनों से उसका विवाद भी हो गया. काफी देर बहस होने के बाद बच्चे की खराब हालत को देखते हुए परिवार के लोग उसे तुरंत दूसरे अस्पताल ले गए.
मरीज के साथ आए परिजनों में से किसी ने नशे में धुत डॉक्टर का वीडियो रिकॉर्ड कर लिया, जिस पर अब अस्पताल प्रशासन और डॉक्टर सफाई दे रहे हैं.
प्रबंधन की तरफ से कहा जा रहा है कि इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर का स्वास्थ्य खराब होने के कारण वह दवाई के नशे में थे. अस्पताल प्रशासन ने यह भी बताया कि डॉक्टर ने किसी से बदतमीजी और गाली गलौज नहीं की. बच्चे के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन से डॉक्टर पर कार्रवाई करने की अपील की है.