
उत्तर भारत में आए तेज आंधी-तूफान की मार पहाड़ी राज्य उत्तराखंड पर भी पड़ी है. यहां मौसम ने एक बार फिर ने करवट ली है. देहरादून में आई तेज आंधी और बारिश की वजह से कई स्थानों पर पेड़ गिरने की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम और फायर ब्रिगेड को मिलती रही.
यहां मसूरी क्षेत्र में कोहलूखेत के पास पेड़ गिरने की वजह से यातायात बाधित हुआ. बाद में पेड़ों को काटकर और जेसीबी की मदद से फिर से रास्ते को बहाल किया गया. इसके अलावा पंडितवाड़ी और लालतप्पड़ क्षेत्र में घर के ऊपर पेड़ गिरने से दीवार क्षतिग्रस्त हो गई. इसके बाद सूचना मिलने पर थाना पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर अत्याधुनिक औजारों की मदद से गिरे पेड़ों को काट कर हटवाया.
ऐसा ही हाल चमोली के कर्णप्रयाग का भी रहा जहां एक भारीभरकम पेड़ तूफान की वजह से बीच सड़क पर गिर गया. इसकी वजह से दोनों तरफ यात्रियों और स्थानीय निवासी काफी देर तक अपने वाहनों समेत फंसे रहे. बाद में प्राइवेट जेसीबी की मदद से पेड़ को हटाया गया और रास्ता किसी तरह से खुलवाया गया.
बागेश्वर अल्मोड़ा हाई वे पर भी भारी भरकम पेड़ सड़क पर आ गिरा, जिसकी वजह से पर्यटक काफी समय तक फंसे रहे.
गौरतलब है कि इस बार गढ़वाल मंडल में जहां येलो अलर्ट घोषित किया गया है तो वहीं कुमाऊं मंडल में ऑरेंज अलर्ट की चेतावनी जारी की गई है. इससे ये साफ हो गया है कि इस समय बारिश का कहर ज्यादा कुमाऊं मंडल के जिलों पर पड़ने वाला है.
पिछले अलर्ट से सबक लेते हुए इस बार प्रशाशन पूरी तरह से मुस्तैद नज़र आ रहा है. मुख्य सचिव ने पूरे प्रदेश में सभी जिलाधिकारी को सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं. वहीं पुलिस विभाग के DIG पुष्पक ज्योति ने भी सभी पुलिस कप्तानों को निर्देश दिए हैं कि यात्रा मार्ग पर पूरी तरह चुस्त रहकर सतर्कता बरती जाए और किसी भी तरह की कोई भी कोताही चारधाम यात्रा करने वालों के लिए न बरती जाए. सभी यात्रियों को समय-समय पर अग्रिम जानकारियां दी जा रही हैं.