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तपोवन सुरंग में 35 जिदंगी बचाने की जंग जारी, मरीन कमांडो का दस्ता भी पहुंचा

तपोवन की सुरंग 180 मीटर की है. 130 मीटर अंदर तक टीमें पहुंच चुकी हैं लेकिन मलबा भरा हुआ है. तीन दिन से रेस्क्यू का काम जारी है. वहीं सुरंग में फंसे 35 लोगों को निकालने के लिए मरीन कमांडो का दस्ता भी पहुंचा है.

तपोवन सुरंग में संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन जारी (फोटो-PTI) तपोवन सुरंग में संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन जारी (फोटो-PTI)
मंजीत नेगी/गौरव सावंत/दिलीप सिंह राठौड़
  • चमोली,
  • 09 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 8:07 PM IST
  • मरने वालों की संख्या 31 तक पहुंची
  • CM ने प्रभावित इलाके का किया सर्वेक्षण
  • सुरंग में बाहर से की जा रही ड्रिलिंग

उत्तराखंड के चमोली जिले में ऋषिगंगा घाटी में आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या मंगलवार को 31 तक पहुंच गई. वहीं एनटीपीसी की क्षतिग्रस्त तपोवन प्रोजेक्ट की सुरंग में फंसे 35 लोगों को निकालने को लेकर सेना, एनडीआरएफ, भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) और एसडीआरएफ का संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा.

तपोवन सुरंग में कल दिन भर, रातभर और और अभी भी मलबा हटाने का काम बिना रुके जारी है. बचाव के लिए दूसरा तरीका भी अपनाया जा रहा है. सुरंग के दूसरी तरफ से ड्रिल करके अंदर पहुंचने की कोशिश की जा रही है. सुरंग खोदने में एक्सपर्ट सेना के गढ़वाल स्काउट की टीम तपोवन में मौके पर है. बाहर से ड्रिलिंग की जा रही है. 

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तपोवन की सुरंग 180 मीटर की है. 130 मीटर अंदर तक टीमें पहुंच चुकी हैं लेकिन मलबा भरा हुआ है. तीन दिन से रेस्क्यू का काम जारी है. वहीं सुरंग में फंसे 35 लोगों को निकालने के लिए मरीन कमांडो का दस्ता भी पहुंचा है. ऑन ग्राउंड रेस्क्यू मिशन के लोग कह रहे हैं कि मलबा हटाने में दो दिन और लग सकते हैं.

120 मीटर मलबा निकला
 
बहरहाल, तपोवन सुरंग में रातभर मशीनें चलीं, बचाव टीम के जवानों के हाथ चले, मलबा निकालकर बाहर फेंकते-फेंकते रात से सुबह हो गई. एक लंबा रास्ता तय हो चुका है लेकिन कामयाबी में अभी भी इंतजार है. मंगलवार सुबह तक सुरंग से करीब 120 मीटर मलबा निकाल लिया गया. बचाव टीमों को भरोसा है कि 180 मीटर पर लोग फंसे हो सकते हैं. 3 जेसीबी मशीनें सुरंग के अंदर लगातार मलबा निकाल रही हैं. बचाव टीमों को उम्मीद है कि वो जरूरी दूरी जल्द तय कर लेंगे. वहीं अंदर जाने के लिए 5 लोगों की टीम ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ तैयार है. साथ ही सुरंग में अंदर दाखिल होने के लिए दूसरी तरफ से भी ड्रिलिंग की जा रही है. 

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मलबा हटाने का काम बिना रुके जारी (फोटो-PTI)

टनल में घुमाव

टनल इंजीनियर और जानकारों के मुताबिक सुरंग में 180 मीटर के आसपास घुमाव है. इसी के चलते उम्मीद जताई जा रही है कि मलबा इसके आगे न पहुंच पाया हो, और अंदर फंसे लोग इसी दूरी पर मिल जाएं.

बढ़ता जा रहा मलबा

सुरंग से जंग ज्यादा लंबी चलने की वजह ये है कि बचाव टीमों को जैसी उम्मीद थी हकीकत उससे उल्टी निकली. सुरंग के बाहरी हिस्से में मलबा आधी ऊंचाई तक ही दिख रहा था, लेकिन जैसे-जैसे जवान अंदर बढ़ते जा रहे हैं मलबे की ऊंचाई भी बढ़ती जा रही है. फिलहाल सारी नजरें सेना के गढ़वाल स्काउट पर है जो अंदर फंसे लोगों के लिए दूसरे रास्ते से पहुंचने की कोशिश में है.  

सीएम ने किया सर्वेक्षण

वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलावर सुबह चमोली के प्रभावित इलाके का दौरा किया. हवाई सर्वेक्षण भी किया. हादसे में घायल लोगों से अस्पताल में मुलाकात की और उनका हालचाल जाना. मुख्यमंत्री का कहना था कि टनल में फंसे लोगों को निकालना प्राथमिकता है. एनटीपीसी की सुरंग में बचाव और राहत कार्यों के संचालन में भारी मलबे और उसके घुमावदार होने के कारण आ रही मुश्किलों के बावजूद उसका आधे से ज्यादा रास्ता अब तक साफ किया जा चुका है. 

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