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न सड़कें बचीं, न रेल लाइन, हर तरफ बारिश-बाढ़ से तबाही... पढ़ें- नैनीताल, रामनगर, अल्मोड़ा, काठगोदाम से ग्राउंड रिपोर्ट

उत्तराखंड में बाढ़, बारिश और लैंडस्लाइड से भारी तबाही हुई है. राज्य में अब तक 47 लोगों की मौत हो चुकी है. कुमाऊं क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. लगातार हो रही बारिश के चलते सैकड़ों घर तबाह हो गए हैं. कई लोग फंसे हैं.

रेक्स्यू के लिए उत्तराखंड में एनडीआरएफ की 15 टीमें तैनात की गई हैं (फोटो- ट्विटर) रेक्स्यू के लिए उत्तराखंड में एनडीआरएफ की 15 टीमें तैनात की गई हैं (फोटो- ट्विटर)
aajtak.in/प्रवीण कुमार
  • देहरादून,
  • 20 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 4:17 PM IST
  • उत्तराखंड में अब तक 47 लोगों की मौत
  • कुमाऊं क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित
  • यहां बाढ़ से 42 लोगों की मौत

उत्तराखंड में बाढ़ और बारिश ने तबाही मचा रखी है. राज्य में भयानक मंजर देखने को मिल रहा है. इस तबाही ने 2013 की उत्तराखंड त्रासदी की याद दिला दी है. उत्तराखंड में बारिश और भूस्खलन से जुड़ी घटनाओं में अब तक 47 लोगों की मौत हो चुकी है. कई लोग लापता बताए जा रहे हैं. नैनीताल का राज्य के बाकी हिस्सों से संपर्क कट गया है. यहां हेलिकॉप्टर से लोगों का रेस्क्यू किया जा रहा है. उधर, अल्मोड़ा में काठगोदाम और दिल्ली को जोड़ने वाली रेलवे लाइन का एक हिस्सा बारिश के चलते क्षतिग्रस्त हो गया. ग्राउंड रिपोर्ट के जरिए जानिए बद्रीनाथ, केदारनाथ, नैनीताल, रामनगर, अल्मोड़ा, काठगोदाम के ताजा हालात.

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उत्तराखंड में अब तक 47 लोगों की मौत हो चुकी है. कुमाऊं क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित है. यहां अब तक 42 लोगों ने बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में अपनी जान गंवा दी है. लगातार हो रही बारिश के चलते सैकड़ों घर तबाह हो गए हैं. कई लोग फंसे हैं. 

नैनीताल का संपर्क कटा, 2 हेलिकॉप्टर रेस्क्यू में जुटे
नैनीताल का राज्य के बाकी हिस्सों से संपर्क कट गया है. यहां लैंडस्लाइड के चलते तीन प्रमुख सड़कों को काफी नुकसान पहुंचा है. यहां वायुसेना ने दो हेलिकॉप्टर्स तैनात किए हैं, ताकि फंसे लोगों का रेस्क्यू किया जा सके. एक हेलिकॉप्टर गढ़वाल भेजा गया है. हालांकि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोगों से कहा है कि वे घबराएं नहीं. सभी लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं.

नैनीताल में ये रास्ते खुले 
नैनीताल हल्द्वानी रोड दोपहिया और छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया है. यह मार्ग कैची से भवाली तक खोला गया है. अभी तक कुल 150 वाहनों में लगभग 500 पर्यटकों एवं यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू कर निकाला गया है. नैनीताल कालाढूंगी मार्ग भी छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया है.  कैंची धाम के पास घर में दबे दो बच्चों का रेस्क्यू किया गया है. इसके अलावा बोहरा कोट रामगढ़ में पुलिस और एनडीआरएफ ने 2 व्यक्तियों का रेस्क्यू किया है. 

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बाकी हिस्सों में कैसी है स्थिति?

पिथौरागढ़:
यहां बाढ़ जैसी स्थिति है. यहां भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आई हैं. 
चमोली: थराली और कर्णप्रयाग के बीच नेशनल हाईवे लैंड स्लाइड के चलते कई स्थानों पर बाधित है. चमोली में पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश से कई मकान ढह गए हैं. यहां कई और मकानों को खाली करा लिया है. लोग दहशत में हैं. 
ऋषिकेश-बद्रीनाथ: NH 58 बारिश के चलते बंद कर दिया गया है. 
हरिद्वार: गंगा खतरे के निशान के ऊपर बह रही है. उत्तराखंड से यूपी तक अलर्ट.
काठगोदाम : उत्तराखंड के हल्द्वानी में गौला नदी के पास काठगोदाम और दिल्ली को जोड़ने वाली रेलवे लाइन का एक हिस्सा भारी बारिश के चलते क्षतिग्रस्त हो गया.
कलछनाथ : रूद्रनाथ ट्रेक रूट पर कलचंथ में फंसे कोलकाता के 10 लोगों को रेस्क्यू कर गोपेश्वर लाया है.
उधम सिंह नगर: उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में नानक सागर बांध के सभी गेट खोल दिए गए हैं. 
केदारनाथ- केदारनाथ यात्रा शुरू हो गई है.

अल्मोड़ा में 7 लोगों की मौत
अल्मोड़ा में भारी बारिश और भूस्खलन के चलते अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है. यहां रापड़ गांव में लैंडस्लाइन की चपेट में एक घर आ गया. इस हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई. जबकि 1 महिला को सुरक्षित निकाल लिया गया. 

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नाले से शव बरामद
उत्तराखंड के नैनीताल से पुलिस ने उफान से एक शव को निकाला है. मृतक की पहचान मनोज कुमार के तौर पर हुई. वह होटल में काम करता था और ड्यूटी के बाद घर जा रहा था. तभी पुल पर तेज बहाव के चलते फिसलकर कर नाले में बह गया. 

 

अल्मोड़ा में रेस्क्यू अभियान चलाती SDRF की टीम

 

नैनीताल में लैंडस्लाइड के बाद सड़क साफ करने में जुटी टीमें

 


धामी ने लोगों से की अपील
मुख्यमंत्री धामी ने चारधाम यात्रा पर गए लोगों से अपील की है कि वे जहां पर हैं, वहीं रुकें. वे मौसम में सुधार होने तक अपनी यात्रा शुरू ना करें. उन्होंने कहा, बारिश से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है. धामी ने कहा, लगातार हो रही बारिश के चलते काफी नुकसान हुआ है. 

 
नैनीताल में माल रोड और नैनी झील के किनारे स्थित नैना देवी मंदिर में पानी भर गया है, जबकि भूस्खलन के चलते हॉस्टल की इमारत को भी काफी नुकसान पहुंचा है. भूस्खलन के चलते लोग शहर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. रामनगर-रानीखेत मार्ग पर स्थित लेमन ट्री रिसॉर्ट में लगभग 100 लोग फंस गए. इसमें कोसी नदी का पानी भर गया है. 

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