
हरिद्वार में कुंभ मेले की औपचारिक शुरुआत हो जाने के बावजूद गुरुवार को हर की पैड़ी पर कोई खास श्रद्धालु नहीं दिखे. स्थानीय पंडितों और पुजारियों के मुताबिक बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूर्णिमा, अमावस्या और शाही स्नान वाले दिनों में ही दिखेंगे. इनका ये भी कहना है कि कोरोना से बचाव के लिए गाइडलाइंस बदलते रहने से भ्रम के चलते भी बाहर से कम लोग हरिद्वार कुंभ के लिए आ रहे हैं.
1 अप्रैल से ही हरिद्वार में कोरोना से बचाव के लिए केंद्र सरकार की ओर से जारी की गईं नई गाइडलाइंस लागू हो चुकी हैं. इनके तहत बाहर से आने वाले लोगों को 72 घंटे पहले कराया हुआ RT-PCR नेगेटिव सर्टिफिकेट दिखाना जरूरी है. साथ कुंभ पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन भी अनिवार्य है.
बंगाल में भीड़ जुटने से कोरोना नहीं फैल रहा
हरिद्वार कुंभ में श्रद्धालुओं के कम संख्या में पहुंचने के लिए यहां का पुरोहित समाज कोरोना की गाइडलाइंस बदलते रहने को जिम्मेदार ठहरा रहा है. वहीं संत समाज नए नियमों को लेकर सरकार से सवाल कर रहा है कि कि क्या बंगाल चुनाव में लोगों की भीड़ जुटने से कोरोना नहीं फैल रहा.
कुंभ की शुरुआत पिछले महीने महाशिवरात्रि पर पहले शाही स्नान के साथ हो चुकी है. लेकिन उत्तराखंड सरकार के जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक आस्था के इस महामेले की शुरुआत 1 अप्रैल से मानी जाती है. अप्रैल में ही 12, 14 और 27 तारीख को शाही स्नान होने हैं. बता दें कि महाशिवरात्रि के दिन हर की पैड़ी पर बड़ी संख्या में श्रद्दालु उमड़े थे. लेकिन गुरुवार 1 अप्रैल को यहां सन्नाटा पसरा दिखा.
‘गाइडलाइंस की वजह से कम पहुंच रहे श्रद्धालु’
हर की पैड़ी पर श्रद्धालुओं को पूजा पाठ करवाने वाले पंडित जितेंद्र शास्त्री ने आजतक से बातचीत में कहा, "भारत सरकार की जो गाइडलाइंस है लोग उससे प्रभावित हैं. कोरोना की 72 घंटे पहले निगेटिव सर्टिफिकेट की अनिवार्यता से लोगों पर असर पड़ा है. आज महाकुंभ के विधिवत आगाज के बाद स्नान शुरू हुआ है लेकिन लोगों में भय और आशंका है. इस वजह से हरिद्वार में सिर्फ कर्मकांड के यात्री पधारे हैं और यह भीड़ आम दिनों के मुकाबले सामान्य भीड़ है क्योंकि इससे ज्यादा लोग शनिवार और रविवार को हरिद्वार आ जाते हैं."
पंडित जितेंद्र शास्त्री आगे कहते हैं, "लोगों के मन में आशंका है कि आखिर हरिद्वार में व्यवस्था कैसी होगी इसलिए लोग आने से हिचक रहे हैं. हर दिन हमारे सैकड़ों यजमान हमें फोन करते हैं और व्यवस्था तथा सरकार के नियमों के बारे में पूछते हैं. मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत आए और बोले कोई नियम नहीं होगा लेकिन मुख्यमंत्री खुद पॉजिटिव हो गए और उनकी पत्नी को भी कोरोना वायरस हो गया. इस बीच नैनीताल हाईकोर्ट का आदेश आ गया कि एसओपी ही जारी रहेगी. ऐसी परिस्थितियों में लोगों में भ्रम का माहौल है और वे हरिद्वार का रुख नहीं कर पा रहे हैं."
हर की पैड़ी पर पूजा करवाने वाले एक और पुजारी सत्यदेव पांडे भी मानते हैं कि संक्रमण का डर लोगों को हर की पैड़ी आने से रोक रहा है. सत्यदेव पांडे ने कहा, "सरकारी तौर पर महाकुंभ की शुरुआत 1 अप्रैल से ही है. हमें आशा है कि आने वाले दिनों में भीड़ होगी. संक्रमण की वजह से बहुत सारे लोग महाकुंभ में नहीं पहुंच पा रहे हैं क्योंकि प्रमुख रूप से लोग टेस्ट करवाने से घबरा रहे हैं. हम लोगों से कह रहे हैं कि वह टेस्ट करवाएं क्योंकि उससे जीवन सुरक्षित है."
पुजारी सत्यदेव पांडे ने कहा कि जो लोग संक्रमण काल में मजबूरी के चलते हरिद्वार नहीं आ सकते वह घर में ही पूरे विश्वास और श्रद्धा के साथ स्नान करें, उन्हें उतना ही पुण्य मिलेगा. सरकार की सख्त गाइडलाइंस की वजह से श्रद्धालुओं के कम संख्या में हरिद्वार पहुंचने को लेकर संत समाज भी नाखुश है.
जगदगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के उत्तराधिकारी और स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने नई गाइडलाइंस पर सवाल खड़े करते हुए कहा, "महाकुंभ में लोगों के ना आने के पीछे बड़ी वजह उत्तराखंड सरकार और कुंभ प्रशासन है जिसने पहले ही तय कर लिया था कि हमें कुंभ का आयोजन ही नहीं करना है. यह पहले शिविर का आवंटन नहीं कर रहे थे और अब जब आवंटन किया है तो कुछ लोगों को ही किया. अब इनका कहना है कि 72 घंटे पहले कोरोना वायरस की जांच करवा करके आइए फिर यहां पर भी जांच होगी जिसके चलते लोग डर गए हैं कि हरिद्वार आएंगे तो उन्हें गंगा स्नान करने का मौका मिलेगा भी या नहीं. लोगों में यह भी डर है कि ऐसा ना हो कि यहां आने से कहीं उन्हें कोरोना वायरस संक्रमण न हो जाए."
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बंगाल चुनाव का जिक्र करते हुए कहा, "बंगाल अपने ही देश में है और वहां चुनाव हो रहे हैं. सभी राजनीतिक दल चुनाव लड़ रहे हैं जिसमें बड़ी-बड़ी रैलियां हो रही हैं और लाखों लोग आ रहे हैं. रोड शो हो रहे हैं जिसमें लोग एक दूसरे से सट कर चल रहे हैं, लेकिन वहां महामारी नहीं फैल रही. वहां ऐसा कोई नियम क्यों नहीं है कि लोग 72 घंटे पहले टेस्ट करवा कर रिपोर्ट लेकर आएं. बंगाल में कोई गाइडलाइंस क्यों नहीं लागू हो रहीं. लेकिन कुंभ के तमाम गाइडलाइंस हैं.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा, "केंद्र सरकार ये जान गई होगी कि जहां राजनीति होगी वहां ये वायरस नहीं जाएगा, लेकिन जहां धार्मिक आयोजन होगा वहां यह वायरस जाएगा. अगर ऐसा ही है तो केंद्र सरकार उत्तराखंड में भी चुनाव करवा दे, हम अभी यहां के विधायक का इस्तीफा करवा देते हैं और सरकार यहां चुनाव का आयोजन करवा दें ताकि वायरस यहां से भाग जाए और लोग स्नान करने आ सके और डुबकी लगा सकें."
क्या कहते हैं बाहर से आए श्रद्धालु?
बिहार से अनुषा अपने परिवार के साथ कुंभ में गंगा स्नान के लिए आई हैं. उन्हें भी लगता है कि महामारी के डर की वजह से अधिक श्रद्धालु हरिद्वार नहीं आ रहे. अनुषा ने कैमरे पर यह माना कि हरिद्वार आने से पहले न तो बिहार में उन्होंने टेस्ट करवाया न ही हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर उनकी कोई जांच हुई.
गाजियाबाद से आए राजकुमार चौहान परिवार समेत हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर ही कोविड-19 के लिए टेस्ट हुआ. राजकुमार ने कहा, "हम निगेटिव सर्टिफिकेट लेकर नहीं आए थे इसलिए रेलवे स्टेशन पर ही हमारी जांच हुई. पूरे परिवार की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. इसके बाद हम हर की पैड़ी पर स्नान करने आए हैं. हम सब मास्क पहने हुए हैं."
हरिद्वार में स्नान के लिए जो श्रद्धालु पहुंचे, उनमें से कुछ नियमों को लेकर बेपरवाह दिखी दिए तो कुछ ऐसे भी थे जो कोरोना सुरक्षा प्रोटोकॉल को लेकर पूरी तरह सजग थे. वे सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, सैनेटाइजर जैसी सभी एहतियात बरत रहे थे.
जो लोग मास्क पहने नहीं दिखाई पड़े उनके पास बचाव के अपने बहाने थे. और तो और हर की पैड़ी पर सुरक्षा में तैनात कई सिक्योरिटी गार्ड भी कोरोना सुरक्षा प्रोटोकॉल को लेकर सजग नहीं दिखे, जबकि संक्रमण का खतरा हर किसी को है.
कोई रोक-टोक नहींः डीएम
कुंभ और व्यवस्थाओं को लेकर आजतक ने हरिद्वार के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट सी रविशंकर से संपर्क किया तो उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से जारी सभी दिशानिर्देशों का पालन कराए जाने की बात कही. उन्होंने कहा, "हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर टेस्टिंग टीम तैनात की गई है. जरूरत के हिसाब से अग्रिम कदम उठाए जा रहे हैं. दिशा-निर्देशों के तहत वरिष्ठ नागरिकों से कुंभ में ना आने की अपील की गई है. रैडम टेस्टिंग जारी रहेगी ताकि संक्रमण पर रोक लगाई जा सके लेकिन आने वाले समय में होटलों और धर्मशाला में भी सघन चेकिंग अभियान भी चलाया जाएगा." डीएम के मुताबिक जो लोग नियमों का पालन करेंगे वह बिना कोई रोक-टोक कुंभ में आ सकते हैं.