
उत्तराखंड में मानसून की रफ्तार भले ही कुछ दिनों के लिए हल्की पड़ गई थी, मगर एक बार फिर से मानसून ने इधर का रुख कर लिया है. 24, 25, 26 और 27 जुलाई को मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है, जिसमें खासतौर पर 25 तारीख को ज्यादा एहतियात बरतने के लिए कहा गया है. वहीं, सरकार ने भी किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा से निपटने को कमर कस ली है.
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून और बागेश्वर जिले में बारिश अपनी रफ्तार पकड़ती नज़र आ रही है. जल्द ही पहाड़ी प्रदेश के सभी 13 जिलों में तेज बारिश दस्तक देने वाली है. मौसम विभाग की चेतावनी के बाद आपदा प्रबंधन ने सभी 13 जिलों के जिलाधिकारियों को समुचित व्यवस्था करने को कहा है, जिससे बारिश के बाद उत्पन्न किसी भी समस्या से आसानी से निपटा जा सके.
पहाड़ों में बारिश के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो रहे हैं. बरसात के दौरान होने वाली समस्याओं को लेकर शासन और प्रशासन बेहद सतर्क हैं. उत्तराखंड सरकार ने चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में खास इंतजाम करने के सख्त निर्देश दिए हैं. आमतौर पर पहाड़ के दरकने से राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो जाते हैं.
चमोली जिले में थोड़ी-थोड़ी देर में मलबे के आने से लामबगड़ जैसे रास्ते बंद हो रहे हैं, जो एक गंभीर समस्या है. इसकी वजह से चारधाम यात्रा रुक जाती है. हालांकि इस बार प्रशासन की मुस्तैदी के चलते तुरंत रास्तों को खोल लिया जा रहा है. इसमें प्रदेश की SDRF, भारतीय सेना के जवान, पुलिस और प्रशासन बेहतर तालमेल से चलते हुए इन प्राकृतिक घटनाओ से उत्पन्न समस्याओं से निपट रहे हैं.