
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कमीशनखोरी को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि राज्य में बिना कमीशन के कोई काम नहीं हो सकता है. उन्होंने स्वीकार किया है कि उत्तर प्रदेश से अलग होने के बाद भी उत्तराखंड में भ्रष्टाचार कम नहीं हुआ, बल्कि ज्यादा बढ़ गया है. तीरथ सिंह रावत ने उत्तराखंड में 114 दिन तक मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली. तीरथ के बयान पर कांग्रेस ने निशाना साधा है.
तीरथ सिंह रावत इस समय पौड़ी से बीजेपी सांसद हैं. उन्होंने कहा कि 'मैं भले ही एक मुख्यमंत्री रहा हूं और शायद यह नहीं कहना चाहिए, मुझे यह स्वीकार करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि जब हम उत्तर प्रदेश से अलग हुए थे तो वहां सार्वजनिक कार्यों को करने के लिए 20 प्रतिशत तक कमीशन दिया जाता था. अलग होने के बाद ये शून्य हो जाना चाहिए था, लेकिन प्रैक्टिस जारी रही और हमने 20 प्रतिशत के साथ शुरुआत की.' बता दें कि साल 2000 में उत्तराखंड को उत्तर प्रदेश से अलग कर राज्य बनाया गया था.
दुर्भाग्य से उत्तराख्ंड में भी कमीशनखोरी की प्रथा
पूर्व सीएम ने आगे कहा- 'मुझसे कहा गया है कि यहां (उत्तराखंड) कमीशन के रूप में एक निश्चित प्रतिशत का भुगतान किए बिना कुछ भी नहीं किया जा सकता है. कमीशनखोरी उत्तर प्रदेश में प्रचलित एक प्रथा थी और दुर्भाग्य से ये उत्तराखंड में जारी है.' हालांकि रावत ने कहा कि किसी को विशेष रूप से जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. ये एक मानसिकता है. ये तभी दूर होगी जब हम अपने राज्य को अपने परिवार के रूप में देखने लगेंगे.
बयानों से चर्चा में रहते हैं तीरथ सिंह रावत
बताते चलें कि उत्तराखंड के साथ ही उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी सत्ता में है. पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत के विवादित बयान चर्चा में रहे हैं. पिछले साल मार्च में रावत ने कहा था कि संस्कारों की कमी के कारण युवा अजीबोगरीब फैशन ट्रेंड फॉलो करते हैं और घुटनों पर फटी जींस पहनकर खुद को बड़ा शॉट समझते हैं. महिलाएं भी ऐसे ट्रेंड को फॉलो करती हैं.
पूर्व सीएम ने एक वाकया भी सुनाया था. उन्होंने कहा- जब वो जहाज से एक बार उड़ान भर रहे थे तो उन्होंने देखा कि एक महिला अपने दो बच्चों के साथ बिल्कुल पास में ही बैठी थी, वो फटी हुई जीन्स पहनकर बैठी थी. मैंने उनसे पूछा कि बहनजी कहां जाना है, तो महिला ने जवाब दिया कि दिल्ली जाना है, उनके पति जेएनयू में प्रोफेसर हैं और वो खुद एनजीओ चलाती थीं. रावत ने आगे बताया था कि मैंने सोचा जो महिला खुद एनजीओ चलाती हो और फटी हुई जींस पहनी हो, वह समाज में क्या संस्कृति फैलाती होंगी. जब हम स्कूलों में पढ़ते थे, तो ऐसा नहीं होता था. कुछ दिनों के भीतर ही उन्होंने ये कहकर एक और विवाद खड़ा कर दिया था कि अमेरिका ने भारत को 200 वर्षों तक गुलाम रखा.