
इंडिया टुडे/आज तक के कार्यक्रम 'INDIA TODAY STATE OF THE STATE: UTTARAKHAND FIRST'में उत्तराखंड में लग्जरी और एडवेंचर टूरिज्म को लेकर बातचीत की गई. इस कार्यक्रम में पर्यटन से जुड़े दिग्गज बिजनेसमैन ने अपने विजन को सामने रखा और राज्य सरकार के सहयोग से आगे बढ़ने के बारे में बातचीत की. इस कार्यक्रम में स्नो लेपर्ड एडवेंचर के प्रबंध निदेशक पद्यश्री अजीत बजाज, एडिशनल सीईओ एडवेंचर कर्नल अश्विनी पुंडीर, इको ग्लैम्प के संस्थापक संजय शर्मा, एक्वाटेरा एडवेंचर्स के संस्थापक वैभव कालरा ने शिरकत की.
कार्यक्रम में एडवेंचर टूरिज्म पर बातचीत की गई. अजीत बजाज ने कहा, महामारी के बाद एडवेंचर टूरिज्म में बड़ा उछाल आया है. ये उछाल ग्लोबल तौर पर भी देखने को मिल रहा है. नेशनल हैरिटेज साइट्स को लोग बड़ी संख्या में पसंद कर रहे हैं. अगले 10 साल में उत्तराखंड में एडवेंचर टूरिज्म ऊंचाइयों को छुएगा. उत्तराखंड में सब कुछ है. यहां कल्चर है. नेचर है. एडवेंचर है और योग के क्षेत्र में चर्चित राज्य है. देश में एडवेंचर को बड़ी संख्या में टूरिस्ट पसंद कर रहे हैं.
'एडवेंचर टूरिज्म को पसंद कर रहे हैं पर्यटक'
कर्नल पुंडीर ने कहा, एडवेंचर विंग में उत्तराखंड पहला राज्य है. यहां एडवेंचर प्लेस में सेफ्टी का ख्याल रखा जा रहा है. उत्तराखंड में एडवेंचर को लेकर अच्छे रुझान देखने को मिल रहे हैं. आने वाले समय में पर्यटक अन्य एडवेंचर के लिए यहां आएंगे. एडवेंचर को लेकर पॉलिसी तैयारी की जा रही है. ऋषिकेश में सबसे बड़ी राफ्टिंग इंडस्ट्री चल रही है. पैराग्लाइडिंग, ट्रैकिंग, माउंटेनरी का बिजनेस चल रहा है. उत्तराखंड वेस्ट एडवेंचर स्टेट है. पिछले साल भी हमने यह रिकॉर्ड अचीव किया था.
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'पर्यटकों के लिए समर सीजन मुफीद'
संजय शर्मा ने कहा, कोरोना महामारी के बाद पर्यटकों का फिर से बाहर निकलना शुरू हो गया है. टूरिस्ट अब हम तक पहुंचने लगे हैं. पर्यटकों के लिहाज से समर सीजन सबसे मुफीद साबित होता है. महामारी के बाद पर्यटकों का बिहेवियर भी चेंज हुआ है. हमारा प्रोजेक्ट पूरी तरह सेफ है. स्थानीय लोगों को ट्रेंड किया जा रहा है. हमारे गेस्ट फाइव स्टार रेटिंग देकर जा रहे हैं. आने वाले पांच साल में हमारे पांच और प्रोजेक्ट उत्तराखंड में आ रहे हैं.
'उत्तराखंड के भूगोल को देखकर आगे बढ़ना होगा'
वैभव कालरा ने कहा, राफ्टिंग टूरिज्म के लिहाज से उत्तराखंड सबसे बढ़िया जगह है. लेकिन, हमें ट्रैफिक जाम, पॉल्युशन और कचरा मैनेजेंट, ह्यूमन मैनेजमेंट समस्याओं से भी निपटने की जरूरत है. उन्होंने कहा, टूरिज्म इनफ्लो कुछ साल पहले एक करोड़ थी, अब पांच करोड़ से ज्यादा है. कुछ इश्यू हैं, जिन्हें मैनेज करने की जरूरत है. हमें अपने भूगोल को ध्यान में रखकर आगे बढ़ना होगा. हमने देखा कि पिछले महीने उत्तराखंड और हिमाचल में तबाही हुई है. इससे सीखकर आगे बढ़ना होगा.
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'हेलिकॉप्टर से केदारनाथ पहुंच रहे पर्यटक'
कंस्ट्रक्शन को पर्यटन का नाम देने के सवाल पर कर्नल पुंडीर ने कहा, कुछ चैलेंज हैं. उन्होंने जोशीमठ की समस्या और ऋषिकेश का जिक्र किया. पुंडीर ने कहा, पलायन सबसे बड़ी समस्या रही है. कोरोना महामारी से व्यवस्था प्रभावित हुई. आज हिल्स पर सबसे बढ़िया सेटअप देखने को मिल रहा है. ग्राउंड वाटर रिचार्जिंग है. उन्होंने कहा कि पर्यटकों के लिए होम स्टे सबसे बढ़िया व्यवस्था है. राज्य के कल्चर और फूड फेमस हैं. रोड और नेटवर्क में प्रॉब्लम आने के सवाल पर कहा कि राज्य सरकार लगातार काम कर रही है. पहाड़ दरक जाते हैं, उसको ध्यान में रखा जा रहा है. सरकार ने केदारनाथ के लिए हेलिकॉप्टर की सुविधा देना शुरू किया है. मास टूरिज्म की जगह क्लास टूरिज्म पर आ जाते हैं. आपको हम हेलिकॉप्टर से ले जाते हैं. सड़क पर ट्रैफिक लोड कम होगा.
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