
उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने के चलते अचानक बाढ़ आ गई. इससे सबसे ज्यादा नुकसान ऋषि गंगा प्रोजेक्ट हुआ है. यहां काम कर रहे करीब 150 लोगों के लापता होने की आशंका है. वहीं तपोवन पावर प्रोजेक्ट में काम करने वाले 16 लोग सुरंग में फंसे गए, जिन्हें बड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. आईटीबीपी और SDRF के जवान अब सुरंग को खोलने में जुटे हैं.
भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के प्रवक्ता ने बताया कि रैणी गांव में कम से कम तीन पुल तबाह हो गए हैं. एक समाचार एजेंसी के मुताबिक कुछ सीमा चौकियों से संपर्क पूरी तरह टूट गया है. जो पुल ढहे हैं, उनमें से एक सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) का है.
आईटीबीपी के मुताबिक तपोवन NTPC परियोजना पर काम कर रहे 160 लोग टनल में फंसे हुए थे. आईटीबीपी के जवानों ने उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया है. बताया जा रहा है कि ऋषि गंगा प्रोजेक्ट को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है.
बहरहाल, उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर फटने से धौलीगंगा नदी में बाढ़ आ गई. पानी के तेज बहाव को देखते हुए उत्तराखंड के सभी ज़िलों को हाई अलर्ट पर रखा गया और गंगा नदी के किनारे रहने वाले लोगों के लिए चेतावनी जारी की गई. लोगों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने को कहा गया है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपील की है कि बाढ़ के पुराने वीडियो से अफ़वाहें न फैलाई जाएं.