
जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी एक बार फिर जेल में पहुंच गए हैं. हरिद्वार की धर्म संसद में हेट स्पीच से चर्चाओं में जितेंद्र त्यागी की अंतरिम जमानत खत्म हो चुकी है. सुप्रीम कोर्ट के 29 अगस्त को दिए गए ऑर्डर के तहत आज उन्हें कोर्ट में सरेंडर करना था. इसी के तहत आज उन्होंने संतों के साथ हरिद्वार जिला एवं सत्र न्यायालय पहुंचकर सीजेएम कोर्ट में सरेंडर किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.
कोर्ट में सरेंडर करने से पहले जितेंद्र नारायण त्यागी अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़े के सचिव श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज से मिलने पहुंचे, जहा उनका स्वागत किया गया और उन्होंने संत से आशीर्वाद लिया. इस दौरान उनके साथ शांभवी पीठाधीश्वर और काली सेना प्रमुख आनंद स्वरूप भी मौजूद रहे.
'जेल के अंदर मुझे मारने की हुई थी साजिश'
इस दौरान जितेंद्र नारायण त्यागी ने कहा कि इससे पहले भी मुझे ज्वालापुर के लोगों ने जेल के अंदर मारने की साजिश बनाई थी, लेकिन वह जेल प्रशासन के सख्त होने के कारण साजिश को अंजाम नहीं दे पाए. वहीं धर्म वापसी पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि जब से मैंने सनातन धर्म को अपनाया है इस लड़ाई में मैं अकेला हो गया हूं, लेकिन इसका मुझे कोई अफसोस नहीं है. मैंने काफी सोच-समझकर इस धर्म को अपनाया है. उन्होंने कहा कि घर वापसी करके उनको कोई मलाल और निराशा नहीं है और वह और लोगों से भी अपील करते हैं कि सब घर वापसी करें.
'हमने जितेंद्र त्यागी का साथ नहीं दिया'
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी ने कहा है कि आज जब जितेंद्र नारायण त्यागी एक बार फिर जेल रहा जा रहे हैं तो हम सब का मन दुखी है कि आखिर हिंदू धर्म में आकर वसीम रिजवी जो अब जितेंद्र नारायण त्यागी बन गए हैं, उन्हें मिला क्या, हम सबको जितेंद्र नारायण त्यागी का साथ देना चाहिए था जो हम सबने नहीं दिया.
'जितेंद्र त्यागी के साथ खड़े हैं हम'
इसके अलावा हरिद्वार के शांभवी धाम काली सेना के आयोजक स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि जितेंद्र नारायण त्यागी के साथ हम कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं. इस लड़ाई में जहां-जहां भी हम सब की जरूरत होगी, हम सब जितेंद्र नारायण त्यागी के साथ खड़े दिखाई देंगे.