
जोशीमठ के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है, दीवारों की दरारें किसी बड़ी अनहोनी की ओर इशारा कर रही हैं. उसी अनहोनी को टालने के लिए प्रशासन अब आक्रमक मोड में आ गया है. पीएमओ की मीटिंग हो चुकी है, सीएम पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ पहुंच गए हैं और एक्सपर्ट्स की एक टीम भी जमीन पर अपने काम में लग गई है. सवाल ये कि क्या जोशीमठ को बचाया जा सकेगा? सवाल ये कि किया बेघरों को उचित मुआवजा मिलेगा, सवाल ये कि क्या दोषियों पर कोई कार्रवाई होगी? अब इन सवालों के जवाब तो मिलेंगी ही, लेकिन अभी जोशमठ में लगातार हो रहे बड़े अपडेट्स को समझना जरूरी है.
जोशीमठ में क्या स्थिति?
बुधवार को जोशीमठ में सबसे बड़ी कार्रवाई की शुरुआत होनी थी. माउंट व्यू और मल्हारी होटलों को गिराने के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई थीं. अब ये कार्रवाई पूरी हो पाती, उससे पहले ही विरोध प्रदर्शन तेज हो गया. होटल मालिकों ने मांग कर दी कि पहले उचित मुआवजा दिया जाए, उसके बाद ही तोड़ने की अनुमति मिलेगी. मीटिंग हुई, समझाने का प्रयास हुआ, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला और तोड़ने वाली कार्रवाई नहीं हो पाई. अब जिस मुआवजे को लेकर विवाद चल रहा है, उस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिक्रिया दी है. जोशीमठ संकट पर भी उन्होंने विस्तार से बात की है.
क्या विकास कार्यों पर लगेगा ब्रेक?
सीएम धामी ने कहा है कि हम कोशिश करेंगे कि पारिस्थितिकी और अर्थव्यवस्था दोनों का संतुलन बना रहे. तेज गति से हो रहे विकास को थोड़ा कम करेंगे. हम सभी शहरों के धारण क्षमता का आंकलन कराएंगे, अगर उनकी क्षमता से अधिक कहीं विकास हो गया है तो उसको तत्काल रोकेंगे. बातचीत के दौरान सीएम धामी ने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रभावित परिवारों तक तुरंत सहायता पहुंचाई जाए, सिर्फ इसको प्राथमिकता दी जा रही है. उन्होंने इस बात पर नाराजगी भी जाहिर की कि कुछ लोग पूरे उत्तराखंड पर संकट की बात कर रहे हैं. जबकि ऐसा नहीं है. मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की भगौलिक स्थिति को भी एक चुनौती माना है. वे कहते हैं कि अभी चार धाम यात्रा को शुरू होना है, होली आने वाली है. हमने तो पहले रेनी, धाराचुला में त्रासदी देखी है, अब जोशीमठ में संकट देख रहे हैं.
मुआवजे वाले विवाद पर सीएम
मुआवजे को लेकर जो विवाद चल रहा है, उस पर भी सीएम ने सफाई दी है. उन्होंने साफ कर दिया है कि हर पार्टी से बात की जाएगी, सभी की शिकायतों को समझा जाएगा, बिना किसी से बातचीत किए कोई फैसला नहीं होगा. अब सीएम धामी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि जमीन पर गुस्सा और ज्यादा ना बढ़े. इस समय पहली चुनौती जोशीमठ को बचाना है, लेकिन अगर जमीन पर लोगों का आक्रोश और ज्यादा बढ़ गया तो एक साथ कई मोर्चों पर चुनौती का सामना करना पड़ेगा. इस बारे में धामी ने कहा कि अभी सिर्फ 2 बिल्डिंग तोड़ने का फैसला लिया गया है. लोगों के पुनर्वास के लिए काम किए जा रहे हैं. ये अंतिम राहत नहीं है, सिर्फ तत्कालीन राहत है. पूरी सरकार जोशीमठ के लोगों के साथ है.
मौसम की मार ने बढ़ाई टेंशन
अभी के लिए मुआवजे के तौर पर प्रभावित परिवारों को डेढ़ लाख रुपये देने की बात हुई है. इसमें विस्थापन के लिए एक लाख और सामान ले जाने के लिए 50 हजार रुपये दिए जाएंगे. लेकिन ये मुआवजा भी उन लोगों के लिए कम है जिन्हें अपना आशियाना छोड़ना पड़ रहा है. ऐसे में बातचीत का दौर लंबा चल सकता है. वैसे इस समय मुआवजे का विवाद है तो मौसम की भी मार चल रही है. जोशीमठ में बर्फबारी हो चुकी है, बारिश भी हो रही है. इस बारे में उत्तराखंड अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक और भूवैज्ञानिक डॉ एमपीएस बिष्ट ने आजतक से बातचीत में बताया कि जोशीमठ में बारिश और बर्फ गिरने से और परेशानी पैदा होगी. इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि जब बर्फ गिरने के बाद पिघलेगी तो क्षेत्र में और भू धंसाव होगा. डॉ बिष्ट ने कहा कि 2009 में मुझे एनटीपीसी सुरंग का अध्ययन करने के लिए चुना गया था.