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जोशीमठ के 678 घर डेंजर जोन में, CM धामी ने बताया क्या है लोगों को बचाने का प्लान 

उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव के बाद राहत और बचाव कार्य जारी है. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इसे लेकर पीएम मोदी से बात की है. जोशीमठ में कुल 678 परिवार प्रभावित है. जिनमें 81 ज्यादा प्रभावित हैं. फिलहाल 81 परिवारों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है. सभी के पुनर्वास के लिए सीएम की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात हुई है.

पुष्कर सिंह धामी पुष्कर सिंह धामी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 6:19 PM IST

उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव और पानी के रिसाव को देखते हुए सरकार ने स्थानीय लोगों को बचाने के लिए राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को आज तक से विशेष बातचीत में इसकी जानकारी दी. सीएम ने कहा कि जोशीमठ में कुल 678 परिवार प्रभावित है. जिनमें 81 ज्यादा प्रभावित हैं. उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है और बाकी के सभी प्रभावितों के लिए पुनर्वास को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की गई है.

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पहली प्राथमिकता लोगों को बचाना
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, हमारे पास संसाधनों की कोई कमी नहीं है. हमारी पहली प्राथमिकता राज्य और राज्य के लोगों को बचाना है. इसे लेकर केंद्र से सहयोग मिल रहा है. सीएम ने कहा कि ये वक़्त एकजुट होकर काम करने का है. इसके लिए उन्होंने सभी से सहयोग की अपील की. 

राज्य सरकार कर रही मॉनिटरिंग
आज तक से विशेष बातचीत में सीएम धामी ने बताया कि राज्य सरकार इसकी मॉनिटरिंग कर रही है और सभी अधिकारी, विशेषज्ञ काम कर रहे हैं. 

पीएम ने की सीएम से बात
मौजूदा समय में कई परिवारों को अस्थायी जगहों पर शिफ्ट कर दिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोशीमठ के बारे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात कर प्रभावित नगरवासियों की सुरक्षा व पुनर्वास हेतु उठाए गए कदमों एवं समस्या के समाधान के लिए तात्कालिक तथा दीर्घकालिक कार्य योजना की प्रगति के विषय में जानकारी ली है.

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कर्णप्रयाग तक पहुंचा भू-धंसाव
गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली में जोशीमठ से शुरू हुआ भू-धंसाव अब कर्णप्रयाग तक पहुंच गया है. एक तरफ जोशीमठ के लोग चिंतित और परेशान हैं, तो वहीं कर्णप्रयाग नगर पालिका के बहुगुणा नगर में मौजूद करीब पचास घरों में दरार आने लगी हैं. भू-धंसाव के कारण इन घरों की दीवारे धीरे-धीरे दकरने लगी हैं. घरों के दरकने के बाद इलाके के पीड़ितों ने प्रदेश सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

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