
उत्तराखंड के सिंकिंग टाउन जोशीमठ में भू-धंसाव को देखते हुए सरकार ने कई परिवारों को अस्थायी जगहों पर शिफ्ट कर दिया है. इस बीच जोशीमठ में चार धाम परियोजना ऑल वेदर रोड हेलन मारवाड़ी बाईपास समेत अन्य निर्माण कार्यों को भी रोक दिया गया है.
रोका गया एनटीपीसी पावर प्रोजेक्ट के टनल का काम
इसके तहत एनटीपीसी पावर प्रोजेक्ट के टनल के अंदर का कार्य भी पूरी तरह से रोक दिया गया. समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने बीआरओ के अन्तर्गत निर्मित हेलंग बाईपास निर्माण कार्य, एनटीपीसी के तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के अन्तर्गत निर्माण कार्य एवं नगरपालिका क्षेत्रान्तर्गत निर्माण कार्यो पर अग्रिम आदेशों तक तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. साथ ही जोशीमठ-औली रोपवे का संचालन भी अगले आदेश तक रोक दिया गया है.
सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किए गए परिवार
भू-धंसाव बढने से खतरे की जद में आए जोशीमठ में प्रशासन प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद पहुंचाने में जुटा है. प्रभावित परिवारों को नगरपालिका, ब्लॉक, बीकेटीसी गेस्ट हाउस, जीआईसी, गुरुद्वारा, इंटर कॉलेज, आईटीआई तपोवन समेत अन्य सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. जोशीमठ नगर क्षेत्र से 43 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी रूप से शिफ्ट कर दिया गया है, जिनमें से 38 परिवारों को प्रशासन ने जबकि पांच परिवार खुद सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट हो गए हैं.
सैकड़ों घरों में आई दरार
दरअसल, उत्तराखंड के चमोली जिले में 6,000 फीट की ऊंचाई पर बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब के मार्ग पर स्थित जोशीमठ शहर उच्च जोखिम वाले भूकंपीय 'जोन-V' में आता है. अब तक शहर के विभिन्न क्षेत्रों में 561 घरों में दरारें आ चुकी हैं, जिनमें रविग्राम में 153, गांधीनगर में 127, मनोहरबाग में 71, सिंहधार में 52, परसारी में 50, अपर बाजार में 29, सुनील में 27, मारवाड़ी में 28 और लोअर बाजार में 24 मकान शामिल हैं.
जोशीमठ पहुंची विशेषज्ञों की टीम
इधर, हालातों को गंभीर होता देख प्रदेश के मुख्यमंत्रई पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार, आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा, आपदा प्रबंधन के अधिशासी अधिकारी पीयूष रौतेला, एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट रोहितास मिश्रा, भूस्खलन न्यूनीकरण केंद्र के वैज्ञानिक सांतुन सरकार, आईआईटी रूडकी के प्रोफेसर डा.बीके माहेश्वरी सहित तकनीकी विशेषज्ञों की पूरी टीम जोशीमठ पहुंच गई है. गढवाल कमिश्नर एवं आपदा प्रबंधन सचिव ने तहसील जोशीमठ में अधिकारियों की बैठक लेते हुए स्थिति की समीक्षा की. विशेषज्ञों की टीम द्वारा प्रभावित क्षेत्रों का विस्तृत सर्वेक्षण किया जा रहा है.